tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post111216418884947179..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: ‘विहिप’ का अधूरा विश्वविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-34346976021626370592008-07-30T18:18:00.000+05:302008-07-30T18:18:00.000+05:30प्रिय संजीवजी,जानकारी उपलब्ध कराने के लिए हार्दिक...प्रिय संजीवजी,<BR/>जानकारी उपलब्ध कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद । आपने बिलकुल ठीक कहा, मैं ने गूगल खंगाल लेना चाहिए था । लेकिन आप मानें या न मानें (आपकी भाषा से विश्वास है कि आप बिलकुल ही नहीं मानेंगे) इण्टरनेट तकनीक की जानकारी मुझे शून्यवत है और अपनी इस दशा पर मुझे तनिक भी खेद नहीं है ।<BR/>तनिक क़पा कीजिए और अपने (केवल आप अकेले नहीं, आप जैसे तमाम लोग) सिवाय बाकी सबको भी वतनपरस्त और खुली मानसिकता का मानने की कोशिश कीजिए । आप लोग उसे ही देशप्रेमी मानते हैं जो आपसे सहमत है । <BR/>आप मेरी चिन्ता बिलकुल मत कीजिए, मैं हाशिए पर रहूं या कहीं और यह न तो मेरे जीवन का लक्ष्य है और न ही लिप्सा । उम्र के जिस पडाव पर हूं वहां ऐसी तमाम बातें नहीं ललचातीं । यह आपको ही मुबारक हो । शुभ-कामनाएं ।<BR/>आपका 'प्रोफाइल' देखने के बाद लगा कि आप 'संघ्ा' से जुडे रहने का मिथ्या दम्भ पाले बैठे हैं । संघ तो दावा करता है कि उसके अनुयायी विनम्र और शिष्ट होते हैं । लगता है, इतना सारा और व्यापक लेखन करने के बाद भी आपको भाषा के संस्कारों की आवश्यकता अभी भी है ।<BR/>मुझे पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर न होकर लिखने की सलाह देना आपको शोभा नहीं देता - यह आपका प्रोफाइल देखने के बाद कहना पड रहा है ।<BR/>क़पया असहमति को सम्मान देना सीखने की कोशिश कीजिएगा ।<BR/>आप मेरे बेटे की उम्र के हैं । आपको मेरी आत्मीय शुभ-कामनाएं । ईश्वर सदैव आपके साथ रहे और आपको अपनी छृत्र-छाया उपलब्ध कराता रहे ।<BR/>विहिप के बारे में जानकरी उपलब्ध कराने के लिए एक बार फिर धन्यवाद । मुझे इसकी जरूरत थी ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-42724107982571876342008-07-30T17:34:00.000+05:302008-07-30T17:34:00.000+05:30बैरागी जी आपने लिखा है-विहिप यदि अन्तरराष्ट़ीय स...बैरागी जी आपने लिखा है-<BR/><BR/>विहिप यदि अन्तरराष्ट़ीय स्तर पर हिन्दुओं की प्रतिनिधि संस्था नहीं है तो उसने अपना नाम बदल कर 'भारतीय हिन्दू परिषद़' रख लेना चाहिए - हालांकि तब भी वह समस्त भारतीय हिन्दुओं की वास्तविक और सच्ची प्रतिनिधि नहीं होगी ।<BR/>आपमें से कोई यदि विहिप की, अन्तरराष़्ट़ीय स्तर पर हिन्दुओं के लिए की गई या की जा रही गतिविधियों की जानकारी देंगे तो मेरी जानकारी बढेगी । जिस तेजी और आक्रामता से विहिप भारत में (और खासकर भाजपा शासित प्रदेशों में) सक्रिय होती है, वैसी सक्रियता उसने दुनिया के और किन-किन देशों में बरती - यह जानने की जिज्ञासा है । क़पया मेरी सहायता करें ।<BR/><BR/>बैरागी जी, वाममार्गी दृष्टि से सोचना और लिखना छोडिए। वरना आप भी वामपंथियों की तरह हाशिए पर पडे रहेंगे। अरे थोडा तो विचार कर लेते। खुद कोई काम नहीं करना और कोई समाज की चिंता करे तो उसकी राह में रोडे अटकाओ। आप जैसे कलमघिस्सुओं के कारण ही मीडिया का दायित्व शक के घेरे में आता है। आज विश्व के दो दर्जन से अधिक देशों में विहिप सक्रिय है। गत पांच दशकों से विश्व हिन्दू परिषद के हजारों पूर्णकालिक कार्यकर्ता, जो उच्च शिक्षा प्राप्त है और अपना सर्वस्व अर्पण कर हिन्दू समाज की सेवा में जुटे है, के कार्य को आप एक झटके में खारिज कर देते है। आप इसके सिवाय कर ही क्या सकते है। इंटरनेट का जमाना है जरा गूगल पर ही सर्च कर लेते। लेकिन आपको तो बस विहिप की छवि खराब करनी है। मेरा निवेदन है पूर्वाग्रहग्रसित लेखन से आप बचें। विहिप कहां-कहां सक्रिय हैं इसकी झलक मैं आपको दे रहा हूं। <BR/><BR/>http://www.vhp-america.org<BR/>http://www.vhp.org.uk<BR/>http://www.vhp.org/HAamericaUsa.php<BR/>http://www.vhp.org/HAamericacaribbeanTrinidadTobago.php<BR/>http://www.vhp.org/HAeuropeUK.php<BR/>http://www.vhp.org/HApacificAustralia.php<BR/>http://www.vhp.org/HApacificNewzealandindex.php<BR/>http://www.vhp.org/HApacificFiji.php<BR/>http://www.vhp.org/HAasiaSrilanka.php<BR/>http://www.vhp.org/HAasiaMalaysia.phpसंजीव कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/11879095124650917997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-28380174598120280872008-07-30T16:24:00.000+05:302008-07-30T16:24:00.000+05:30विहिप की अन्तरराष्ट़ीय गतिविधियों के बारे में जा...विहिप की अन्तरराष्ट़ीय गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल करने के मेरे प्रयत्न असफल रहे हैं । चूंकि मैं एक हिन्दू हूं और विहिप की गतिविधियां मुझ पर भी आरोपित होती हैं (भले ही मैं उससे सहमत न होऊं) इसलिए मेरी यह सहज इच्छा है कि विहिप का दामन पाक-साफ रहे, उसकी कथनी और करनी में कोई अन्तर न रहे ।<BR/>घेस्ट बस्टरजी का यह कहना बिलकुल ठीक है कि पाकिस्तान जैसे तमाम इस्लामी देशों में तमाम अल्पसंख्यक दहशत में जीते हैं । लेकिन प्रतिवाद और प्रतिरोध की स्थिति भी तो इसी कारण बनती है । जहां अत्याचार है वहीं तो उसका प्रतिकार किया जाएगा । चूंकि विहिप अपने आप को दुनिया में भर फैले तमाम हिन्दुओं का रखवाला बताती है, इसीलिए उससे उम्मीद की जाती है कि वह जहां-जहा हिन्दुओं पर अत्याचार हो, वहां-वहां उनका बचाव करे और उनकी मदद करे । फिर, इस खबर में जो कुछ भी कहा गया, वह वहां की 'पाकिस्तान हिन्दू परिषद् के अध्यक्ष की ओर से कहा गया है । इसमें उल्लेखनीय बात यह है कि उन्होंने विहिप से मदद नहीं मांगी है, यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है । ऐसे में, यदि मैं उम्मीद करूं कि 'विहप' खुद को अन्तरराष्टीय स्तर पर साबित करे तो इसमें असभ्यता और निर्लज्जता कहां से आ गई । विहिप यदि अन्तरराष्ट़ीय स्तर पर हिन्दुओं की प्रतिनिधि संस्था नहीं है तो उसने अपना नाम बदल कर 'भारतीय हिन्दू परिषद़' रख लेना चाहिए - हालांकि तब भी वह समस्त भारतीय हिन्दुओं की वास्तविक और सच्ची प्रतिनिधि नहीं होगी ।<BR/>आपमें से कोई यदि विहिप की, अन्तरराष़्ट़ीय स्तर पर हिन्दुओं के लिए की गई या की जा रही गतिविधियों की जानकारी देंगे तो मेरी जानकारी बढेगी । जिस तेजी और आक्रामता से विहिप भारत में (और खासकर भाजपा शासित प्रदेशों में) सक्रिय होती है, वैसी सक्रियता उसने दुनिया के और किन-किन देशों में बरती - यह जानने की जिज्ञासा है । क़पया मेरी सहायता करें ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-81608265138641628612008-07-30T15:31:00.000+05:302008-07-30T15:31:00.000+05:30वैसे तो मैं आपसे बिल्कुल सहमत हूँ.हाँ लेकिन प्रेत ...वैसे तो मैं आपसे बिल्कुल सहमत हूँ.<BR/>हाँ लेकिन प्रेत विनाशक जी बात भी पते की है.<BR/>अपन तो सिर्फ़ यही कहेंगे की सर्वमान्य और सर्वस्वीकार कोई भी नहीं होता.<BR/>क्यों?बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-63308135055159150432008-07-30T10:39:00.000+05:302008-07-30T10:39:00.000+05:30बजरंग दल और 'विहिप' हिन्दुओं के गंदे चेहरे हैं। इन...बजरंग दल और 'विहिप' हिन्दुओं के गंदे चेहरे हैं। इन्होंने कुत्सित विचारों को अपना साथी बनाया है। कई बार मुझे अफसोस होता है कि ये मेरा प्रतिनिधित्व करते हैं।<BR/><BR/>लेकिन विष्णु जी, आपका विश्लेषण ठीक है कि इनके पास पाकिस्तान में काम करके छवि सुधारने का अवसर है।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-76014043205158930202008-07-30T10:34:00.000+05:302008-07-30T10:34:00.000+05:30मैं कुछ समझ नहीं पाया कि आप क्या कहना चाह रहे हैं....मैं कुछ समझ नहीं पाया कि आप क्या कहना चाह रहे हैं. पाकिस्तान जैसे इस्लामिक मुल्कों में सिर्फ़ हिंदू ही नहीं सभी धार्मिक अल्पसंख्यक इसी दहशत में जीते हैं. लेकिन इस दुर्भाग्यपूर्ण ख़बर जिसमें कुछ महिलाओं को डरा धमका कर लूटा गया में आपको कुछ अपने काम का दिखा तो सिर्फ़ वी एच पी को उकसाने और मजे लेने का अवसर और अपनी कुंठा निकालने का सुनहरी मौका. विष्णु जी ये असभ्यता और निर्लज्जता की हद है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-29300697188588185112008-07-30T10:06:00.000+05:302008-07-30T10:06:00.000+05:30वो कहते हैं ना, "गूदा है तो कर के दिखाओ। नहीं तो फ...वो कहते हैं ना, "गूदा है तो कर के दिखाओ। नहीं तो फट जायेगी" - कुछ यही हाल है विहिप का भी। बजरंग दल को भी मत भूलिये - विहिप तो सिर्फ इशारा करती है, उसे अंजाम देने वाले तो ये बजरंग-दली ही होते हैं।Anil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-45559193790156408182008-07-30T09:36:00.000+05:302008-07-30T09:36:00.000+05:30आप का सुझाव वाजिब है। लेकिन विश्व हिन्दू परिषद मान...आप का सुझाव वाजिब है। लेकिन विश्व हिन्दू परिषद माने तब।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com