tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post1756463778524576373..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: ‘मिट्टी’ की पुकारविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-73126890697689494132017-06-24T10:23:32.885+05:302017-06-24T10:23:32.885+05:30प्रिय ऋण साधक
कुनै पनि वित्तीय कठिनाइ तपाईं? तपाई...प्रिय ऋण साधक<br /><br />कुनै पनि वित्तीय कठिनाइ तपाईं? तपाईं आफ्नो व्यवसाय सुरु गर्न चाहनुहुन्छ? यो ऋण कम्पनी जीवनको वित्तीय कठिनाइ संग गरिब र मान्छे मदत गर्ने एकमात्र उद्देश्य साथ संसारभरि मानव अधिकार संगठन स्थापित भएको थियो। तपाईं एक ऋण को लागि लागू गर्न चाहनुहुन्छ भने, विवरण इमेल तल संग फिर्ता हामीलाई प्राप्त: elenanino0007@gmail.com<br /><br />नाम:<br />ऋण रकम आवश्यक:<br />ऋण अवधि:<br />मोबाइल नम्बर:<br /><br />र परमेश्वरको आशीर्वाद धन्यवाद<br />निर्धक्क<br />ElenaElena Ninohttps://www.blogger.com/profile/18238961271610405687noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-25964375370730295012014-10-21T15:14:05.894+05:302014-10-21T15:14:05.894+05:30मेरो नाम केभिन एडम्स, बंधक ऋण उधारो एडम्स तिर्ने क...मेरो नाम केभिन एडम्स, बंधक ऋण उधारो एडम्स तिर्ने कम्पनी को एक प्रतिनिधि, म 2% ब्याज मा ऋण दिनेछ छ। हामी विभिन्न को सबै प्रकार प्रदान<br /> ऋण। तपाईं यस इमेल मा अब हामीलाई सम्पर्क गर्न आवश्यक छ भने: adams.credi@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-4385193895977387062009-03-09T23:16:00.000+05:302009-03-09T23:16:00.000+05:30मिट्टी बाई ही एक नहीं ऐसे अनेक कलाकार और प्रतिभावा...मिट्टी बाई ही एक नहीं ऐसे अनेक कलाकार और प्रतिभावान हमारे देश में हैं ... जो दो जून की रोटी जुटाने में भी समर्थ नहीं ... ऐसे लोगों को सहयोग की आवश्यकता है ... पर आज सब लोग स्वार्थी हैं ... काम भी वहीं करेंगे ... जहां से प्रसिद्धि मिलने की ... अखबार में नाम छपने की संभावना बनें ... ताकि आगे उसका फायदा उठाया जा सके।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-13952303208786455372009-03-09T19:15:00.000+05:302009-03-09T19:15:00.000+05:30शासन समाज को नियंत्रित, नियमित करने का तंत्र है तो...शासन समाज को नियंत्रित, नियमित करने का तंत्र है तो जिम्मेदारी उसी की आएगी। आज समाज में जो विघटन दिखाई दे रहा है क्या उस के लिए स्वयं शासन जिम्मेदार नहीं है?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-56233629169113789332009-03-09T18:53:00.000+05:302009-03-09T18:53:00.000+05:30मैं तो कई ऎसे परिचितों को आज़मा चुकी जो रोज़ ऑफ़िस के...मैं तो कई ऎसे परिचितों को आज़मा चुकी जो रोज़ ऑफ़िस के बोर्ड पर सदविचार लिखते हैं , कथाएँ कराते हैं , लोगों के फ़टे कपड़े गरीबों में बाँट कर समाज सेवा का पुण्य कमाते हैं । मैंने कई बार प्रस्ताव रखा कि क्यों ना हम छोटी - छोटी धनराशि इकट्ठा करें और सक्षम लोगों से धन एकत्र कर ऎसे लोगों की मदद का बीड़ा उठाएँ , लेकिन दो साल गुज़र गये उन समाजसेवियों के दर्शन दुर्लभ हैं । यहाँ लोग मंदिरों - प्रवचनकारों पर धन लुटा सकते हैं ,ज़रुरतमंद पर नहीं । आखिए पुण्य कमाने का मामला है और पुण्य का फ़ल तो धर्म कर्म से ही मिलता है ।sarita argareyhttps://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-27116548333238967832009-03-09T13:56:00.000+05:302009-03-09T13:56:00.000+05:30आपसे बिलकुल सहमत हूँ. हर समस्या का समाधान शासन मे...आपसे बिलकुल सहमत हूँ. हर समस्या का समाधान शासन में ढूँढ़ते ही नहीं ढूँढवाते भी है. ताम्र पत्र बिकाऊ है लिखने के लिए सुझाव हम में से ही किसी बुद्धिजीवी ने दिया होगा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com