tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post2106079167384338936..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: ‘बाइज्जत बरी’ की तलाशविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-63880408177795099132012-06-05T12:05:48.229+05:302012-06-05T12:05:48.229+05:30फेस बुक पर श्री हिमांशु रॉय, भोपाल की टिप्पणी -
...फेस बुक पर श्री हिमांशु रॉय, भोपाल की टिप्पणी -<br /><br />यह बिलकुल उसी तरह की बात हो गयी कि "कितना मुश्किल है दिल से दिल की कहानी लिखना, जैसे बहते पानी पर पानी लिखना।" बहुत सही कहा आपने की वक्ताओं और प्रवक्ताओं की बढती भीड़ से बाइज्जत बरी होना भी मुश्किल है। विचारों को बालकवि अंकल की कहानी ने मार्मिक रूप देकर सशक्तता दी है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-25394326344474450702012-06-05T12:03:00.313+05:302012-06-05T12:03:00.313+05:30फेस बुक पर डॉं प्रदीप त्रिवेदी, मुम्बई/नीमच की टि...फेस बुक पर डॉं प्रदीप त्रिवेदी, मुम्बई/नीमच की टिप्पणी -<br />"आदरणीय दादा, किस जमाने में है? आजकल लोग जमानत पर छूटने पर भी बाइज्जत बरी होने से बडा जश्न मनाते है ओर दो उंगलियो से V का साइन बना कर प्रेस को बताते है। सही मानो में उनको बरी होने से कोई लेना देना ही नही है बल्कि जमाने को ठेंगा बताना है ओर जो हमको देखना है । सिर्फ आप हम जैसे भोले भाले व्यक्तियों को ऐसे दिल छू लेने वाले दृष्टांत रोमांचित करते है।"विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-49901925379016634682012-06-05T12:01:27.248+05:302012-06-05T12:01:27.248+05:30फेसबुक पर श्री सुनील ताम्रकार, इन्दौर की टिप्पण...फेसबुक पर श्री सुनील ताम्रकार, इन्दौर की टिप्पणी - <br /><br />"कितना आसां हैं तस्वीर बनाना औरों की, <br />खुद को पसे आईना रखना कितना मुस्किल हैं!"<br /><br />..... भ्रष्टाचार के खिलाफ बस बोलना और बोलते रहना एक नया चलन बन गया है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-47635478274063632172012-05-29T09:33:28.086+05:302012-05-29T09:33:28.086+05:30सुन्दर कथा! आज भले ही हम भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे ...सुन्दर कथा! आज भले ही हम भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हों, कहीं से तो आरम्भ करना ही पड़ेगा। बूढ़ी माँओं की ज़रूरत तो है ही, उसके बेटे के साथ उसके मालिकों को भी उनकी सही जगह दिखलाने की ज़रूरत है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-76812638132027140782012-05-29T00:07:57.587+05:302012-05-29T00:07:57.587+05:30ऐसे आदमी की तलाश मुश्किल है....ऐसे आदमी की तलाश मुश्किल है....लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-40402863994845316582012-05-25T19:29:07.035+05:302012-05-25T19:29:07.035+05:30बिलकुल सही चित्रण !!बिलकुल सही चित्रण !!Giribalahttps://www.blogger.com/profile/11481010044909052232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-66514236606735019572012-05-23T18:22:28.721+05:302012-05-23T18:22:28.721+05:30बहुत कठिन है यह कह पाना। अपने अन्दर झाँकें तो किसी...बहुत कठिन है यह कह पाना। अपने अन्दर झाँकें तो किसी न किसी बात को लेकर हम अपने को कटघरे में ही पाएँगे।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-65833777544243873922012-05-19T23:20:37.659+05:302012-05-19T23:20:37.659+05:30जागृतिप्रेरक प्रस्तुति
बालकवि जी की कथा का सार्थक ...जागृतिप्रेरक प्रस्तुति<br />बालकवि जी की कथा का सार्थक दृष्टांत!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-83244711615748428992012-05-19T22:56:10.637+05:302012-05-19T22:56:10.637+05:30फेस बुक पर श्री सुरेशचन्द्रजी करमरकर, रतलाम की टि...फेस बुक पर श्री सुरेशचन्द्रजी करमरकर, रतलाम की टिप्पणी -<br /><br />भाई विष्णुजी! बालकवि को इन घसियारों के साथ क्यों बैठा रहे हो?विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-59899847279834223712012-05-18T11:16:17.323+05:302012-05-18T11:16:17.323+05:30फेस बुक पर श्री बृजमोहनजी श्रीवास्तव, गुना की टिप...फेस बुक पर श्री बृजमोहनजी श्रीवास्तव, गुना की टिप्पणी- <br /><br />लेख बहुत प्यारा । दृष्टांत उससे भी ज्यादा सशक्तविष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-26867266704880839732012-05-17T09:22:12.987+05:302012-05-17T09:22:12.987+05:30उत्कृष्ट लेखन. हमें भी अवतार की प्रतीक्षा है.उत्कृष्ट लेखन. हमें भी अवतार की प्रतीक्षा है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-19677230358326820192012-05-17T08:32:01.405+05:302012-05-17T08:32:01.405+05:30बाइज्जत बरी वही हैं जो आज भी प्रसन्न दिख रहे हैं, ...बाइज्जत बरी वही हैं जो आज भी प्रसन्न दिख रहे हैं, शेष को तो उनका हृदय ही कचोटता रहता होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-55352466099654382742012-05-17T08:09:53.340+05:302012-05-17T08:09:53.340+05:30सबकी अंतर्तात्मा मर चुकी है, इस लिये सभी बाइज्जत ब...सबकी अंतर्तात्मा मर चुकी है, इस लिये सभी बाइज्जत बरी ही मिलेंगे।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.com