tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post2710802827540346870..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: रघुरामनजी को धन्यवाद दीजिएविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-88404348535781121982010-10-21T06:53:50.672+05:302010-10-21T06:53:50.672+05:30प्रिय श्री बैरागी जी,
श्री रघुरामन जी के लेख पढ़ने...प्रिय श्री बैरागी जी,<br />श्री रघुरामन जी के लेख पढ़ने की मेरी आदत हो गई है. हिंदी में मेनेजमेंट फण्डा अंतर्गत उनके उम्दा विचार एवं नई तकनीकों से पाठक न सिर्फ अवगत होते आए है, बल्कि अमल में भी लाए है. हिंदी हमारी मातृ भाषा है और इसके प्रति हमें स्वाभिमानी होना ही चाहिये, कहीं जरा सी चूक होने पर बडे भैया की तरह आपका कान उमेठना अच्छा लगता है. आपने मुझे भी मेरे अवगुणों से अवगत कराया है, जिससे अब मेरी हिंदी लेखन में त्रुटियां कम होगई है.आपके मार्गदर्शन के लिए हार्दिक धन्यवाद. श्री पण्डया जी की टिप्पणी के प्रत्युत्तर में आपके कथन ने मेरे भी विचारों को अभिव्यक्ति प्रदान की है. पुनः धन्यवाद.जयंतीलाल जैन jayantilal jainhttps://www.blogger.com/profile/00253020511492152548noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-87167500274422095252010-10-20T09:47:27.309+05:302010-10-20T09:47:27.309+05:30प्रवीणजी! आपकी टिप्पणी पर कुछ भी लिखने से पहले मु...प्रवीणजी! आपकी टिप्पणी पर कुछ भी लिखने से पहले मुझे सौ बार सोचना पड रहा है।<br /><br />अंग्रेजी-शून्य लेखन तो मुझे असम्भव लगता है। अंग्रेजी के असंख्य शब्द हिन्दी के शब्द बन गए हैं। इन्हें, इनके इसी स्वरूप में प्रयुक्त करना हिन्दी के पक्ष में ही होगा। 'अंग्रेजी शून्य लेखन' के नाम पर शाब्दिक अनुवादवाली, क्लिष्ट और असहज हिन्दी, अन्तत: हिन्दी का नुकसान ही करेगी, ऐसा मेरा मानना है।<br /><br />हम इतना भर कर लें कि हिन्दी के लोक प्रचलित शब्दों के स्थान पर अकारण ही अंग्रेजी शब्द प्रयुक्त न करें। <br /><br />भाषा से तो कोई बैर है ही नहीं और होना भी नहीं चाहिए। भाषा तो ज्ञान की खिडकियॉं खोलती है। आपत्ति और असहमति, अंग्रेजी का उपयोग कर आतंक पैदा करने और स्वयम् को श्रेष्ठ साबित करने की हीनता बोधवाली मानसिकता से है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-16727306138577702842010-10-20T08:58:39.049+05:302010-10-20T08:58:39.049+05:30आपका यह प्रयास सराहनीय है, आपके सीखकर हम भी अंग्रे...आपका यह प्रयास सराहनीय है, आपके सीखकर हम भी अंग्रेजी-शून्य लेख लिखने की प्रक्रिया में हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-35739286409310180862010-10-20T05:43:32.839+05:302010-10-20T05:43:32.839+05:30विष्णु जी, आपके सतत प्रयासों का परिणाम सामने है। र...विष्णु जी, आपके सतत प्रयासों का परिणाम सामने है। रघुरामन जी को बधाई, यदि सम्भव हो तो <a href="http://ghughutibasuti.blogspot.com/2010/10/blog-post_19.html" rel="nofollow">घुघूती बासूती का यह लेख</a> ज़रूर पढिये।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com