tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post407259166639470517..comments2024-02-21T12:26:14.201+05:30Comments on एकोऽहम्: कानून अपना काम नहीं करेगाविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-49166141500502045682016-07-07T15:39:18.081+05:302016-07-07T15:39:18.081+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (0...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (08-07-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "ईद अकेले मना लो अभी दुनिया रो रही है" (चर्चा अंक-2397) </a> पर भी होगी। <br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-54028442857934082412016-07-07T13:40:00.683+05:302016-07-07T13:40:00.683+05:30'क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे?'...'क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे?'--ऐसा कह/सुन सकने वाले सुलभ नहीं। <br /> आदि कवि वाल्मीकि के शब्दों में----<br /> "सुलभा: पुरुषा: राजन् सततं प्रियवादिना:<br /> अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभा:॥"Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07758905709111586307noreply@blogger.com