tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post5144105794722344244..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: प्रशंसनीय और अनुकरणीय सार्वजनिक नागरिक-आचरणविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-88091528364109509392012-12-14T12:53:26.211+05:302012-12-14T12:53:26.211+05:30शौचालय भी अच्छे मिल जाते,तो माथे पर टीका कैसे लगता...शौचालय भी अच्छे मिल जाते,तो माथे पर टीका कैसे लगता ? लेकिन एक दिन ऐसा भी आएगा,जब आपको शौचालय भी साफ मिलेंगे । अगली बार कब जा रहे हो ?<br /><br /> Ravi Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07075773362331619467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-55034694092056082632012-12-10T14:17:54.655+05:302012-12-10T14:17:54.655+05:30फेस बुक पर श्री सुरेशचन्द्रजी करमरकर, रतलाम की टि...फेस बुक पर श्री सुरेशचन्द्रजी करमरकर, रतलाम की टिप्पणी -<br /><br />यदि आप जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करेंगे तो लोग आपको मूर्ख समझेंगे। मैं अपनी ही दो-एक कोशिशें बताता हूँ। <br /><br />मैं अपना स्कूटर हमेशा ही 'जापानी शैली' में,(बाहर निकलनेवाले रास्ते की दिशा में उसका मुँह रखकर) पार्क करता रहा हूँ। माणक चौक स्कूल में जब तक रहा, तब सबसे ऐसा ही कराता रहा। किन्तु मेरी सेवा निवृत्ति के बाद, मेरे वहॉं से निकलते ही, सब कुछ पहले जैसा हो गया है।<br /><br />जहॉं मैं निवास करता हूँ, उस राजीव नगर कॉलोनी में लोग 'गाया माता' के नाम पर सडक पर रोटियॉं फेंकते हैं। मेरे निरन्तर अनुरोधों के बाद कुछ लोगों ने तो ऐसा करना बन्द कर दिया किन्तु अधिकाश लोग मुझ मूर्ख मानकर अभी भी सडक पर रोटियॉं फेंक रहे हैं।<br /><br />हम सुधरेंगे तो सही किन्तु देर से।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-73548150772223278482012-12-08T10:11:16.657+05:302012-12-08T10:11:16.657+05:30http://www.parikalpnaa.com/2012/12/blog-post_8.htm...http://www.parikalpnaa.com/2012/12/blog-post_8.htmlरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-51910614662375936182012-12-07T22:55:37.213+05:302012-12-07T22:55:37.213+05:30आपकी पुणे यात्रा का वर्णन पढ़ना सुखद अनुभव रहा, मु...आपकी पुणे यात्रा का वर्णन पढ़ना सुखद अनुभव रहा, मुझे एक ड्राइवर की याद आ गई मुझे एलोरा से पुणे तक पहुँचना था ट्रेन पकड़नी थी, ड्राइवर ने आश्वासन दिया कि वो कोशिश करेगा और 1 मिनट से मैं स्टेशन पर पहुँच गया, शायद वही ड्राइवर और कंडक्टर अब भी उस रूट पर हों और वे आपको भी मिल गए होंsourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-74499935000974626372012-12-07T18:47:09.148+05:302012-12-07T18:47:09.148+05:30हर प्रदेश , देश, क्षेत्र ,जाति, समुदाय , वर्ग, की...हर प्रदेश , देश, क्षेत्र ,जाति, समुदाय , वर्ग, की विशेषता होती है उन्हीं में से पुणे या महाराष्ट्र की खासियत है .ऐसा नहीं की अन्य जगहों में ऐसी बात नहीं यह एक महज संजोग है Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-79024218039270518792012-12-07T09:47:02.767+05:302012-12-07T09:47:02.767+05:30आश्चर्य नहीं कि मैं आज भी अपने को अक्सर उस गांव के...आश्चर्य नहीं कि मैं आज भी अपने को अक्सर उस गांव के बस अड्डे पर बैठा पाता हूँ Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-89283094968240051172012-12-07T09:44:09.459+05:302012-12-07T09:44:09.459+05:30एक निपट देहात मेन कुछ महीने रहने का अवसर मिला था| ...एक निपट देहात मेन कुछ महीने रहने का अवसर मिला था| अनुभव बिलकुल आप जैसा ही था| एक भी झगड़ा नहीं, बस मे चढ़ने उतरने के लिए कोई धक्का-मुक्की नहीं| घर, सड़क, ढाबा सब स्वच्छता की प्रतिमूर्ति| लेकिन जिस बात ने सबसे ज़्यादा प्रभावित किया वह थी जनजागृति| किसान-मजदूर सरकारी कार्यक्रमों व नीतियों से अवगत थे, 84 वर्षीय किसान मकानमालिक के घर मे सैकड़ों पुस्तकों से भरा निजी पुस्तकालय था और हर पुस्तक मराठी में थी, कुछ संस्कृत में परंतु एक भी अंगरेज़ी किताब नहीं| Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-4491875989370405812012-12-07T08:57:29.987+05:302012-12-07T08:57:29.987+05:30निश्चय ही नागरिक नगर की शोभा बढ़ाते हैं।निश्चय ही नागरिक नगर की शोभा बढ़ाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com