tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post5215028023458710343..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: भक्त भूखे: भगवान को अजीर्णविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-60331691549300648882009-11-01T16:09:26.791+05:302009-11-01T16:09:26.791+05:30is vishaya par mai likhane vala hi tha, aur aapki ...is vishaya par mai likhane vala hi tha, aur aapki yaha post padi, fir bhi mujhe lagata hai ki is vishaya par likhana chahiyen, ek samadhan ke satha....<br />so, 1-2 din me post karonga, aap jaroor paden v apana mat batayen....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03051216183260665359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-22925880109363825622009-11-01T05:28:22.583+05:302009-11-01T05:28:22.583+05:30हमें अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता ह...हमें अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है. जब देश में दूध घी की नदियाँ बहती थीं तब आन्कूत के सामूहिक भोज का आनंद अलग ही रहा होगा मगर आज यदि इस भोग के सहारे भूखों को भोजन नहीं दिया जा सकता है तो सचमुच ऐसे आयोजनों में क्रांतिकारी परिवर्तन की ज़रुरत है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-28984463533558941462009-10-31T21:34:10.810+05:302009-10-31T21:34:10.810+05:30वाह साब और मुझे तो लगा था की दाल की बढ़ते दाम के च...वाह साब और मुझे तो लगा था की दाल की बढ़ते दाम के चलते अच्छे अच्छे लोगो की दाल नहीं गल पा रही होगी, लेकिन यहाँ केवल दाल ही नहीं गल रही है. <br />और भी बहुत कुछ है जो गल रहा है और सड़ भी रहा है. <br />लोग क्यों नहीं समझते की भगवान् को आधा टुकडा चाहिए वो भी चावल के एक दाने का. जिमाओ तो सुदामा को जिमाओ वो भी एक-दो दिन के लिए नहीं हमेशा के लिए. यार तुम लोगो ने इतना पैसा लगाया दो-तीन दिन लोगो को जिमाया - इतने के आधे से भी कम मई ये मंदिर कही सही जगह पुनर्स्थापित हो जाता. माताजी को सब्जी मण्डी की गंदगी से छुटकारा मिल जाता. <br />है तो लक्ष्मी मैया लेकिन उनको भी सड़क पैर बैठा रखा है. <br />अब जिस शहर की लक्ष्मी मैया ही सड़क पैर अतिक्रमण करेगी तो शहर वासियों के घर मई जाने का मौका कब और कैसे मिलेगा, इधर लक्ष्मीजी किसी के यहाँ थोडा देर के लिए गई और वह उनकी सड़क पैर किसी और ने अतिक्रमण केर लिया तो. <br />खेर यार ये पढ़ केर अच्छा लगा की बड़े शेहेरो वाला रिशेशन अभी डालू मोती बाज़ार नहीं पंहुचा है. <br />टीवी तो तुम लोग भी देखते होगे एक विज्ञापन देखना किसी बीमा कंपनी का है, उसमे एक बच्चे को दिखाया है. वो कहता है "पापा मेरे फुअचर के बारे मे क्या सोचा है" ... और यह कहने के बाद उसका बाप भी वैसे ही निरुतर हो जाता है जैसे की आज मुझे इस "भंडारे" ने किया है. <br />बैरागी साब धन्यवाद कभी इस ओर ध्यान ही नहीं गया था.agyaat-1http://www.akoham-1.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-57030926451055213432009-10-31T14:07:28.027+05:302009-10-31T14:07:28.027+05:30100% sahmat100% sahmatSaleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-31253502954253224092009-10-31T09:26:37.530+05:302009-10-31T09:26:37.530+05:30बैरागी जी, इन से हमें पीछा छुड़ाने में बहुत समय लग...बैरागी जी, इन से हमें पीछा छुड़ाने में बहुत समय लगेगा। इस के आयोजन कर्ताओं की संख्या बहुत है और पीछा छुड़ाने की सोचने वाले बहुत कम।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com