tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post5710035389150805887..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: बिगाड़ के खाद से सुधार की फसलविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-35072932264460397232009-11-30T04:58:46.773+05:302009-11-30T04:58:46.773+05:30पूरा विवरण पढ़ना अच्छा लगा खासकर चौपडा दंपत्ति का द...पूरा विवरण पढ़ना अच्छा लगा खासकर चौपडा दंपत्ति का दृढ निश्चय. यह सब आसान नहीं है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-22908085093286069722009-11-29T14:31:09.778+05:302009-11-29T14:31:09.778+05:30बैरागी जी, यह भेंट संस्कृति मैं आज तक स्वीकार नहीं...बैरागी जी, यह भेंट संस्कृति मैं आज तक स्वीकार नहीं कर पाया। लेकिन लोगों को अब खाली हाथ भी अच्छे नहीं लगते।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-54102189648618306322009-11-29T11:42:58.171+05:302009-11-29T11:42:58.171+05:30कल हमारे अभिन्न मित्र का हमारे ही गृहनगर में विवाह...कल हमारे अभिन्न मित्र का हमारे ही गृहनगर में विवाह है। दो दिन पहले उससे फ़ोन पर बात चल रही थी। एक दूसरे की मौज ली जा रही थी। कि उसने मौज में पूछा कि साले हमें गिफ़्ट क्या दे रहे हो।<br />हमने कहा कि आ सकते नहीं और दिल निकाल के भेज सकते नहीं क्योंकि तब जिन्दा कैसे रहेंगे। बस हम दोनो हंस दिये और इसमें जरा भी बनावट नहीं थी। कुछ गिने दोस्तों से ही ऐसे समबन्ध बचे रह जायें तो समझिये कि जीवन सफ़ल हो गया।<br /><br />शेष की चर्चा तो आपने कर ही दी है।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-55845407198876798972009-11-29T11:18:47.713+05:302009-11-29T11:18:47.713+05:30व्यर्थ के रीति रिवाजों और प्रदर्शनों को बंद करने ...व्यर्थ के रीति रिवाजों और प्रदर्शनों को बंद करने में सबों का सहयोग आवश्यक है .. पर यह विडम्बना ही है कि सही जगह पर भी हम एकजुट नहीं हो पाते हैं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-2201431770456072962009-11-29T10:55:18.100+05:302009-11-29T10:55:18.100+05:30हम सचमुच में विचित्र लोग हैं। बिगाड़ के पक्षधर/संरक...हम सचमुच में विचित्र लोग हैं। बिगाड़ के पक्षधर/संरक्षक बने रह सुधार की तलाश में निकले लोग।<br />बिलकुल सही कह रहे हैं आप रोचक और विसतरित वर्नन के लिये आभार और शुभकामनायें अब आपकी तबीयत कैसी है?निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com