tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post5928898559184076769..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: यह अधर्म कौन रोकेगा ?विष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-72982428003212512952009-03-29T10:25:00.000+05:302009-03-29T10:25:00.000+05:30हिन्दू धर्म में जाति के आधार पर भेद भावः तथा कास्ट...हिन्दू धर्म में जाति के आधार पर भेद भावः तथा कास्ट सिस्टम को किसी भी प्रकार से justify नहीं किया जा सकता. यह एक बड़ा कलंक है भारतीय (हिन्दू) समाज पर. लेकिन इसलाम आतंकवाद एक अलग महामारी है जो विशव को उगलने को तैयार खड्डी है, उसका इस बात से कोई प्रसंग नहीं.not neededhttps://www.blogger.com/profile/17780210127869685473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-30403879255805797602008-12-19T09:03:00.000+05:302008-12-19T09:03:00.000+05:30Such a shame! कहाँ गए भारतीय संस्कृति के वे मूल्य ...Such a shame! कहाँ गए भारतीय संस्कृति के वे मूल्य जिनसे पशु-पक्षियों-पौधों में भी ईश्वर दीखता था?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-79918390817522925052008-12-19T06:06:00.000+05:302008-12-19T06:06:00.000+05:30आपने हिन्दू जीवन के एक बड़े विपर्यय की और इंगित कि...आपने हिन्दू जीवन के एक बड़े विपर्यय की और इंगित किया है - हमारी सबसे बड़ी त्रासदी यही है कि हम अपनों से ही बैर रखते आए हैं और इसलिए ही आक्रान्ताओं के विरूद्ध कभी भी एकजुट नही हो सके हैं ! आज भी ये घटनाएँ घट रही हैं कितना क्षोंभजनक है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-51969911104743606152008-12-19T01:09:00.000+05:302008-12-19T01:09:00.000+05:30आमूल मानसिक परिवर्तन के बाद ही सामाजिक सुधार सँभव ...आमूल मानसिक परिवर्तन के बाद ही सामाजिक सुधार सँभव होगा<BR/>ये झूठी शान क्या काम की जब तक इतने सारे भूखे और बेरोजगार<BR/>भरे पडे हैँ ? <BR/>जो उनका उध्धार करेगा <BR/>वही उच्च स्तर का मानव <BR/>कहलाने के काबिल है <BR/>बाकि तो जन्म जात <BR/>सवर्ण के वर्ण से <BR/>क्या लाभ होगा पिछडे समाज को ? <BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-85087750993991815322008-12-19T00:04:00.000+05:302008-12-19T00:04:00.000+05:30बाप रे बाप! अब बुन्देल खंड में भी दलित घोडी़ पर बै...बाप रे बाप! अब बुन्देल खंड में भी दलित घोडी़ पर बैठ तोरण मारने लगे। सवर्णों को तो डूब मरना चाहिए या फिर घोड़ी का ही त्याग कर देना चाहिए। <BR/><BR/>आखिर हम घोड़ी पर बैठ तोरण मारने के इस नाटक का क्यों अनुशीलन करते जा रहे हैं। जब की अब तो अंतरिक्ष यान बैठने के लिए उपलब्ध हैं। इस झूठी शान से ही मुक्ति प्राप्त कर लेनी चाहिए। आखिर वह व्यवहार जो मनुष्यों को श्रेणियों में विभाजित करता है निन्दनीय है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-58953001811030347152008-12-18T23:30:00.000+05:302008-12-18T23:30:00.000+05:30क्या हम वाकई आज़ाद है।क्या हम वाकई आज़ाद है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-6827406838990300662008-12-18T23:21:00.000+05:302008-12-18T23:21:00.000+05:30जिस प्रकार, ‘इस्लामिक आंतकवाद’ और/अथवा ‘मुस्लिम आत...जिस प्रकार, ‘इस्लामिक आंतकवाद’ और/अथवा ‘मुस्लिम आतंकवादी’ जैसे ठप्पे से मुक्ति पाने के प्रयास, इस्लाम मतावलम्बियों/मुसलमानों का सहज उत्तरदायित्व है उसी प्रकार हिन्दू धर्म के नाम पर किए जा रहे ऐसे अमानुषिक अत्याचारों से मुक्ति पाने का जिम्मा उन लागों/संगठनों का क्यों नहीं है जो हिन्दू धर्म की ठेकेदारी करते हैं ?<BR/>------------------<BR/>न मुसलमान अपना दायित्व निभाते हैं, न हिन्दू।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-10036205149882145812008-12-18T19:45:00.000+05:302008-12-18T19:45:00.000+05:30चलिये इसी बहाने आपने भी इस्लामिक आतंकवाद का नाम लि...चलिये इसी बहाने आपने भी इस्लामिक आतंकवाद का नाम लिया तो सही. सारी दुनिया इसे मान रही है लेकिन कांग्रेसी, चाराचोर और दलालों के दल वोटो की दलदल में फंसे खुर्राट राजनेता इसके लिये आंखें मूंदते रहे हैं. <BR/><BR/>जिन्होंने एसे कृत्य किये हैं उन्हें जेल में भेजने के साथ जूते भी मारने चाहिये और साथ ही कांग्रेसियों को भी जिनके साठ साला कुशासन में देश सठियाया तो लेकिन इन अपराधों को नहीं मिटा सका जबकि तुर्की जैसा पोंगापंथी पर चलने वाला देश अपनी पोंगापंथी का लबादा उतार कर फैंक चुका है. <BR/><BR/>वैसे अगर ये अपराध करने वाले मुसलमान होते तो कुछ नहीं होता. आरोपी यदि कमरुद्दीन, कमसिनअली और हकीम होते तो कुछ भी नहीं होता. इनके लिये कांग्रेसी, चाराचोर और दलाल सेकूलरिये और एनजीओ वाले छाती पीटना शुरू कर देते. आप भी तो कांग्रेसियों के साथी रहे हैं इसे अच्छी तरह समझते और जानते होंगे.<BR/><BR/>आपको अन्तुले की पुरानी यादें तो होंगीं! ये बेईमान कांग्रेसी इन्दिरा प्रतिष्ठान के नाम पर रकम चुराते "पकड़ा" गया था और इसे इंदिरा ने लात मार कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद से लात मार कर बाहर कर दिया था. (चुराया था सो सही क्योंकि कांग्रेसी चोर तो होते हैं लेकिन पकड़ा क्यो गया?) <BR/><BR/>कल इसने मुसलमानों के अठारह प्रतिशत वोटों के लालच में जो खटराग छेड़ा है इस पर आपकी क्या राय है?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-18111796012606166592008-12-18T19:34:00.000+05:302008-12-18T19:34:00.000+05:30बडे शर्म की बात है भाई। ऐसे लोगों को तो भगवान ही इ...बडे शर्म की बात है भाई। ऐसे लोगों को तो भगवान ही इंसाफ देगा देखते रहना। इन ज़ालिमों के ख़िलाफ आप अपनी कलम का युद्ध जारी रखना आपकी लेखनी रंग लाएगी।Prakash Badalhttps://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-82175567061347755952008-12-18T19:24:00.000+05:302008-12-18T19:24:00.000+05:30बुंदेलखंड में तो किसी ठाकुर के घर के सामने से कोई ...बुंदेलखंड में तो किसी ठाकुर के घर के सामने से कोई दलित चप्पल या जूते पहन कर नहीं जा सकता. <BR/>"जिते देखो उते राजा" इतने सारे राजा हमने भारत में कहीं नही देखे. और पीड़ित है प्रजा जिनमे दलित ही अधिक हैं.Anonymousnoreply@blogger.com