tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post5990249447193615750..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: जन प्रतिनिधि: ‘तब’ के और ‘अब’ के (3)विष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-63671482580251329092014-10-21T15:14:17.604+05:302014-10-21T15:14:17.604+05:30मेरो नाम केभिन एडम्स, बंधक ऋण उधारो एडम्स तिर्ने क...मेरो नाम केभिन एडम्स, बंधक ऋण उधारो एडम्स तिर्ने कम्पनी को एक प्रतिनिधि, म 2% ब्याज मा ऋण दिनेछ छ। हामी विभिन्न को सबै प्रकार प्रदान<br /> ऋण। तपाईं यस इमेल मा अब हामीलाई सम्पर्क गर्न आवश्यक छ भने: adams.credi@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-25694789282944135932009-09-17T14:41:56.035+05:302009-09-17T14:41:56.035+05:30सुरेश सेठ तो वाकई धाकड़ नेता रहे हैं, पर ऐसे लोग अ...सुरेश सेठ तो वाकई धाकड़ नेता रहे हैं, पर ऐसे लोग अब देखने को नहीं मिलते और शायद पैदा ही नहीं होते.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-39296192118338080302009-03-09T01:30:00.000+05:302009-03-09T01:30:00.000+05:30आपने सहीए कहा - पाता वही है जो ...आपने सहीए कहा - पाता वही है जो कुछ खोने का साहस क सके लेकिन मौजूदा दौर में<BR/>केवल सबकुछ पाने की दौड़ में नित्यप्रति आश्था / दल बदलनेवाले गिरोहबाजों से भला <BR/>क्या उम्मीद...............?bhairav pharkyahttps://www.blogger.com/profile/08004698343793480561noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-8249321484690497432009-03-08T14:47:00.000+05:302009-03-08T14:47:00.000+05:30जो काम करना चाहता है उस के लिए रास्ते का पत्थर भी ...जो काम करना चाहता है उस के लिए रास्ते का पत्थर भी साधन बन जाता है। जो काम ही नहीं करना चाहते उन के लिए सौ बहाने हैं। यही अंतर है। जनप्रतिनिधियों के चरित्र में बहुत अंतर आ चुका है। जिस तरह चुनाव लड़े और जीते जाते हैं। सब से पहली फिक्र तो चुनाव लड़ने में खर्च हुए धन की ब्याज सहित वसूली का होता है। बाकी काम तो उस के बाद के हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-38149094222792738452009-03-08T10:50:00.000+05:302009-03-08T10:50:00.000+05:30समाज मे आई गिरावट का असर जनप्रतिनिधियो पर हुआ है य...समाज मे आई गिरावट का असर जनप्रतिनिधियो पर हुआ है या जनप्रतिनिधियो मे आई गिरावट का असर समाज पर,कहीं न कहीं,कुछ न कुछ तो गड़बड़ है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-8432235423725867452009-03-08T09:05:00.000+05:302009-03-08T09:05:00.000+05:30नैतिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने की दिशा में पूर...नैतिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने की दिशा में पूरे समाज को एकजुट होना होगा. वो सुबह कभी तो आएगी!P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com