tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post6383484016289224857..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: ‘आकाश’ : वास्तविकता या अति आशावाद?विष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-29490637466527002562012-01-07T17:26:54.998+05:302012-01-07T17:26:54.998+05:30वल्कल की टिप्पणी मैंने ई-मेल से श्री रवि रतलामी ...वल्कल की टिप्पणी मैंने ई-मेल से श्री रवि रतलामी को भेजी थी। उत्तर में, वल्कल के नाम उनकी टिप्पणी -<br /><br /><br />प्रिय वल्कल,<br />आपका कहना सही है. दरअसल मैंने जो लिखा है, वो मेरे भीतर का बैठा साहित्यिक व्यंग्यकार ही है, जो सिक्के के खोटे स्वरूप को ही देखना पसंद करता है. क्या करें!<br /><br />और, आपके लिखे आलेखों का बेसब्री से इंतजार रहेगा.विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-14279074770552576722012-01-07T17:19:54.040+05:302012-01-07T17:19:54.040+05:30ये ''बोडॅम '' क्या होता है. और ...ये ''बोडॅम '' क्या होता है. और ''आकाश " वाली बात मे और जोडना चाहुंगा कि " हमारी शाखा के एक ' CM’s Club ' सदस्य ( I am unable to write adhyaksh in hindi ) एवं मुख्य जीवन वीमा सलाहकार है श्री अवधेशजी गुप्ता, अभी मेरे यहा आने के कूछ समय पश्चात ही ( इसमे मैरा कोई योगदान नही है, मात्र सयोग है ) उन्होने आपने कार्यालय को 'ओन लाइन ' कर दिया है. वे कहीं भी रहे , उनके कार्यालय मे क्या हो रहा है या कौन ग्राहक आया हुआ है आदि उनके मोबाइल मे लाइव दिखता रहता है, है ना नागदा जैसी छोटी जगह पर भी विकास ! और खर्च भी बहुत ज्यादा नही हुआ है.H C JOSHI, BM-LIC-BO :NAGDAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-32611736148322334992012-01-06T23:27:01.665+05:302012-01-06T23:27:01.665+05:30कलेक्टर/एसपी इन सुविधाओं का दुरुपयोग करेंगे ये विच...कलेक्टर/एसपी इन सुविधाओं का दुरुपयोग करेंगे ये विचार मेरे दिमाग मे भी कौंधा था, लेकिन तकनीक जब हर एक के हाथ मे उपलब्ध होगी तो बहुत सारे 'लोकल अन्ना' भी उसका उपयोग करेंगे, जो की तकनीक का दुरुपयोग असंभव नहीं तो कठीन तो कर ही देगा. आप सभी के प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. बाज़ार में उपलब्ध 'टट्टूओं' को ले कर कुछ जानकारी उपलब्ध करने की कोशिश जल्दी ही करूँगा. ये 'टट्टू' वाकई बहुत काम का है, पापा के ब्लॉग पर इतने लोग प्रसिद्धि पाते है, आज ये 'गधा' 'टट्टू' के कारण जगह पा गया :)वल्कलhttps://www.blogger.com/profile/10916645706304813214noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-60227575179268225782012-01-04T23:27:35.062+05:302012-01-04T23:27:35.062+05:30मुझे भी मोबाइल से ही चिढ थी. अब समझ में आ रहा है. ...मुझे भी मोबाइल से ही चिढ थी. अब समझ में आ रहा है. सुन्दर और ज्ञानवर्धक पोस्ट. नववर्ष आपके लिए मंगलमय हो.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-90392047626413918672012-01-04T20:24:03.554+05:302012-01-04T20:24:03.554+05:30*बलवती*बलवतीप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-16665843748458228382012-01-04T20:23:14.120+05:302012-01-04T20:23:14.120+05:30बड़ा ही सटीक लिखा है, पता नहीं पर आकाश के प्रति आश...बड़ा ही सटीक लिखा है, पता नहीं पर आकाश के प्रति आशा बल्ली नहीं हो पा रही हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-53316411796857641652012-01-04T20:21:55.944+05:302012-01-04T20:21:55.944+05:30पहली बात...
आकाश के एडवांस्ड वर्सन की प्री-बुकिंग ...पहली बात...<br />आकाश के एडवांस्ड वर्सन की प्री-बुकिंग तो मैंने भी कर दी है. इतना सस्ता कहीं नहीं, और कुछ तो काम आएगा ही. और ये आपके एलआईसी के कार्यों के लिए भी बहुउपयोगी हो सकता है.<br /><br />आखिरी बात...<br />(कलेक्टर एस पी वाली, क्योंकि सरकारी महकमे में मैं रह चुका हूं...)अच्छा है, उन्हें इसकी यह उपयोगिता नहीं पता (या चलाना नहीं आता), अन्यथा इसका उपयोग वे यह सुनिश्चित करने में लगाते कि मातहतों से उनका सही हिस्सा उन तक पहुँच रहा है कि नहीं, और कहीं वे उनके नाम पर उगाही कर ज्यादा हिस्सा हजम तो नहीं कर ले रहे हैं!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-85089428681486777322012-01-04T16:43:10.549+05:302012-01-04T16:43:10.549+05:30गजब वल्कल !! ... तुम(सस्नेह) तो जबर्दस्त ब्लॉगर वा...गजब वल्कल !! ... तुम(सस्नेह) तो जबर्दस्त ब्लॉगर वाली कटेगरी रखते हो भैया... मेल भी लिखा तो एक पोस्ट जैसा ठेल दिया... बहुत खूब... वैसे अभी आकाश की तकनीकी सक्षमता उतनी बेहतर नहीं है कि उसे 'आँख' बनाया जा सके... लेकिन दो चार महीने मे उसके अगले वर्जन जरूर उपयोगी होगा.... संभव है 2012 की मार्केट टैबलेट प्रतिस्पर्धा के लिए जाना जाय। अभी आ रहे इलेक्ट्रानिक पटिया की तकनीकी क्षमता और आने वाले अगले संस्कारण पर एक और मेल का इंतज़ार रहेगा... बहुत बहुत शुभ कामनाएँपद्म सिंहhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-64981573960515559462012-01-04T11:21:38.105+05:302012-01-04T11:21:38.105+05:30Sutradhar/Jimmedarlog bhi iska upyog karenge bhra...Sutradhar/Jimmedarlog bhi iska upyog karenge bhrastachar ki roktham/ nigrani ke liye kam, bhrastachar ki RAKAM par nigrani aur uski Bandar-bant ke liye adhik. Chinje aur niyam to jan-manas ki bhalai ke liye hi bante hain,par har koi unka upyog apni-apni jaroorat ke mutabik badal leta hai.Anonymousnoreply@blogger.com