tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post7793401323203679497..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: शीला दीक्षित और मुरली मनोहर जोशी को टोकिए विष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-14679184787214487862009-01-04T20:19:00.000+05:302009-01-04T20:19:00.000+05:30श्रीमान जी वंशवाद तो कॉंग्रेस की मजबूरी है गाँधी प...श्रीमान जी वंशवाद तो कॉंग्रेस की मजबूरी है गाँधी परिवार के बिना उनका क्या हाल हुआ हम सब जानते है और अब तो ऐसा है की राजस्थान मे मुख्यमंत्री चुनना हो या मध्यप्रदेश मे और चत्तीसगद मे विपक्ष का नेता बिना सोनिया गाँधी के ये लोग इतना भी तय नही कर पाते है इनकी घमासान तो सबने देखी है इनकी अपनी कोई सोच समझ है ही नही हमारे प्रधानमंत्री जी का भी ये ही हाल है और अब आप देखेंगे की सोनिया जी की जगह राहुल ने ले लेनी हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-56784595897596266122008-12-20T09:56:00.000+05:302008-12-20T09:56:00.000+05:30बहुत सही लिखा है आपने ..स स्नेह,- लावण्याबहुत सही लिखा है आपने ..<BR/>स स्नेह,<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-29752487092324293062008-12-19T15:04:00.000+05:302008-12-19T15:04:00.000+05:30खतो - किताब भी कर देखिए । इअतने ही संवेदनशील होते ...खतो - किताब भी कर देखिए । इअतने ही संवेदनशील होते ये सब तो कहना ही क्या था ? मप्र बीजेपी में वंशवाद की फ़सल बढिया लहलहा रही है । आगे इस पर पाला पडेगा ऎसे कोई आसार नज़र नहीं आते । भारतीय मानसिकती का भरपूर दोहन करते हैं राजनीतिक दल ..। ज़रुरत है जनता को सुधारने की ना कि नेताओं को । जनता को जन सेवकों पर लगाम कसना आ गई तो नेता खुदबखुद ’शरणम गच्छामि’ हो जाएंगे ।sarita argareyhttps://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-58176960169737987942008-12-19T12:23:00.000+05:302008-12-19T12:23:00.000+05:30सही विचार हैं, और ऊपर दिये पते के मुताबिक जोशी जी ...सही विचार हैं, और ऊपर दिये पते के मुताबिक जोशी जी को एक पत्र तत्काल प्रेषित कर रहा हूँ, बढ़िया लेख… मैं भी राजनीति में परिवारवाद का विरोधी हूँ और इसीलिये "अविवाहित" नेताओं (वाजपेयी, मोदी आदि) का समर्थक हूँ, वैसे आडवाणी जी भी परिवारवाद से मुक्त हैं…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-29541503348256375472008-12-19T10:54:00.000+05:302008-12-19T10:54:00.000+05:30आपने सटीक बात कही है. शीला जी के इस चित्र ने मुझे ...आपने सटीक बात कही है. शीला जी के इस चित्र ने मुझे भी विचलित किया. प्रजातंत्र में 'मुख्य मंत्री' नहीं, 'मुख्य लोकसेवक' कहा जाना चाहिए.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-23795646063327991442008-12-19T10:03:00.000+05:302008-12-19T10:03:00.000+05:30जन सेवक कब नेता बन जाते है और कब राजा पता नहीं चलत...जन सेवक कब नेता बन जाते है और कब राजा पता नहीं चलता.. <BR/><BR/>ये शर्म की बात है..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-82085443331582009282008-12-19T09:53:00.000+05:302008-12-19T09:53:00.000+05:30अपने को झूठी तसल्ली देने से कुछ होने वाला नहीं है ...अपने को झूठी तसल्ली देने से कुछ होने वाला नहीं है . जो असलियत है वह सामने आरही है तो आने दीजिए . <BR/> यह सलाह तो शीला दीक्षित के कूटनीतिक सलाहकार द्वारा दी जानी चाहिए कि ऐसा न करें नहीं तो जनता को बुरा लग सकता है .विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-15655650523017227382008-12-19T09:40:00.000+05:302008-12-19T09:40:00.000+05:30आप ने सही स्थान पर चोट की है। वस्तुतः दोनों ही घटन...आप ने सही स्थान पर चोट की है। वस्तुतः दोनों ही घटनाएं ऐसी हैं जो सामंती मूल्यों की राजनीति में स्थापना करती है। आजादी के इकसठवें बरस में इन मूल्यों का जीवित रह जाना भारत के लिए शर्म की बात है। कल भी आपने जब घोड़ी पर दूल्हे के तोरण मारने की बात कही थी। वह भी सामंती मूल्यों से सम्बद्ध है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-42756682560618089342008-12-19T09:36:00.001+05:302008-12-19T09:36:00.001+05:30मुरली मनोहर जोशी ६,रायसीना रोड ,नई दिल्ली .मुरली मनोहर जोशी <BR/>६,रायसीना रोड ,नई दिल्ली .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-28961167164479136692008-12-19T09:36:00.000+05:302008-12-19T09:36:00.000+05:30"हम किसी भले आदमी की भलमनसाहत से प्रभावित होकर उसे..."हम किसी भले आदमी की भलमनसाहत से प्रभावित होकर उसे नेता तो बना देते हैं किन्तु बाद में यह प्रयास कभी नहीं करते कि वह, नेता बनने के बाद भी भला ही बना रहे । हमारी यही प्रवृत्ति हमारे नेताओं को उच्छृंखल बनाती है और आश्चर्य कि अपनी इस करनी का दोष हम अपने नेताओं को देते हैं ।"<BR/>बहूत खूब कहा आपने ध्यानाकर्षण के लिए साधुवादAnil Pendse अनिल पेंडसेhttps://www.blogger.com/profile/08384073586618169523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-83342912300588429122008-12-19T09:31:00.000+05:302008-12-19T09:31:00.000+05:30हम भी अवधिया जी का साथ दे रहे हैं, कोई मजबूरी नहीं...हम भी अवधिया जी का साथ दे रहे हैं, कोई मजबूरी नहीं है!P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-17453526757247093662008-12-19T09:19:00.000+05:302008-12-19T09:19:00.000+05:30बैरागी जी,वैसे तो मैं राजनीति में नहीं के बराबर ही...बैरागी जी,<BR/><BR/>वैसे तो मैं राजनीति में नहीं के बराबर ही रुचि रखता हूँ किन्तु आपका लेख मुझे युक्तियुक्त लगा।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-37179843584851083092008-12-19T09:02:00.000+05:302008-12-19T09:02:00.000+05:30बहुत ही सटीक आलेख है. सचमुच इस जनतंत्र के जन-प्रति...बहुत ही सटीक आलेख है. सचमुच इस जनतंत्र के जन-प्रतिनिधि अपना स्थान भूलकर अपने को शासक और जनता को अपनी प्रजा समझने लगे हैं. जोशी जी जैसे विद्वान् का बयान तो और भी शर्मनाक है. लिखते रहिये, आज के समय में जागरूकता फैलाने की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com