tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post1231150625990231821..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: रास्ते : सरोजकुमारविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-55984624830521998122012-07-28T20:40:25.512+05:302012-07-28T20:40:25.512+05:30अपने रास्ते खुद बनाती है नदी..अपने रास्ते खुद बनाती है नदी..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-18301576156509522402012-07-28T12:25:38.452+05:302012-07-28T12:25:38.452+05:30Sahi hai, Seedhe raaste 'Udhaar ka Sindur...Sahi hai, Seedhe raaste 'Udhaar ka Sindur' hi hote hain.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-4288696355136768472012-07-28T10:02:03.451+05:302012-07-28T10:02:03.451+05:30कठिन डगर के राही, सरोज कुमार जी को सलाम.
कभी एक ग...कठिन डगर के राही, सरोज कुमार जी को सलाम.<br /><br />कभी एक गज़ल में मंज़िलो और रास्तो पर मेरे विचार :<br /><br />जुस्तजूं* में उनकी हम जब कभी निकलते है, *[तलाश]<br />साथ-साथ मन्ज़िल और रास्ते भी चलते है।<br /><br />ता-हयात मन्ज़िल पर वो पहुंच नही सकते,<br />मुश्किलों के डर से जो रास्ते बदलते है।<br /><br />ज़िन्दगी की राहों में हाशमी वह क्यों भटके,<br />जो जवाँ इरादों को साथ ले के चलते है। <br /><br />सरोज कुमार जी की 'नदी' पर आज के दिन के बहुचर्चित 'एन. दी.'[तिवारी]<br /><br />पर यूं रच गया है:-<br /><br />"सबसे बचते, बचाते,<br />टकराते, लांघते ,<br />कानून की पेचीदगियों में उलझाकर,<br />एन.[न]डी [दी] खुद को बचा भी लेते,<br /><br />लेकिन.......<br />डी. एन. ए. की,<br />पेचीदा राह में उलझ कर,<br />लाचार हो गए,<br />अपने ही खून की गवाही से,<br />शर्मसार हो गए !<br /><br />'साईब' के एक फारसी शेर का भावार्थ इस तरह है:-<br /><br /> "बेबसी के आलम में दोस्त भी दुश्मन बन जाते है जिस तरह ज़ख़्मी हिरण के शरीर से गिरता हुआ खून ही उसके शिकारी के लिए रहनुमाई कर देता है."<br /><br />["दोस्त दुश्मन मी शवद 'साईब' ब-वक्ते बेबसी,<br /> खूने ज़ख्मे आहूँआ रहबर बवद सय्यद रा."]<br />http://aatm-manthan.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.com