tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post2992712743150326285..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: हाँ! मेरी थैली में अफीम है।विष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-43975035851600391822017-05-28T09:02:08.846+05:302017-05-28T09:02:08.846+05:30कितनी सहज-सरल लेकिन गहरी बात!कितनी सहज-सरल लेकिन गहरी बात!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-64647315414898564622017-05-27T22:53:21.287+05:302017-05-27T22:53:21.287+05:30दादा समयाभाव के कारण प्रतिक्रिया नही दे पाया लेकिन...दादा समयाभाव के कारण प्रतिक्रिया नही दे पाया लेकिन आप की किस्सागोई मुझे बहुत भाती है<br />mahavirhttps://www.blogger.com/profile/17441336950724313008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-63825268654953106412017-05-27T15:58:45.905+05:302017-05-27T15:58:45.905+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28-05-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"><br />"इनकी किस्मत कौन सँवारे" (चर्चा अंक-2635)<br /> </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-33129418053061543172017-05-27T11:31:57.625+05:302017-05-27T11:31:57.625+05:30भंवर् लाल मिस्त्री जीवंत हो गये .डाबी भाभी का प्रस...भंवर् लाल मिस्त्री जीवंत हो गये .डाबी भाभी का प्रसंग रोचक है . अभावों में भी जीवट वाला जीवन जिया जा सकता है .यह सन्देश सहज मिल गया . साँच को आंच नहीं जैसा विचार भी पाठकों तक बहुत बेहतरीन तरीके से पहुँच है .यह संस्मरण खूब पड़ा जायेगा .पसंद किया जायेगा .बधाई .<br />अर्जुन पंजाबी<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07606981134374830037noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-72364526350259768802017-05-27T09:08:37.623+05:302017-05-27T09:08:37.623+05:30शानदार आप बीती का लेखा जोखा
बेहद खूबसूरत संस्मरणशानदार आप बीती का लेखा जोखा<br />बेहद खूबसूरत संस्मरणRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.com