tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post696648949334687146..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: जन प्रतिनिधि: ‘तब’ के और ‘अब’ के (2)विष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-41149030689034780082014-10-21T15:14:27.956+05:302014-10-21T15:14:27.956+05:30मेरो नाम केभिन एडम्स, बंधक ऋण उधारो एडम्स तिर्ने क...मेरो नाम केभिन एडम्स, बंधक ऋण उधारो एडम्स तिर्ने कम्पनी को एक प्रतिनिधि, म 2% ब्याज मा ऋण दिनेछ छ। हामी विभिन्न को सबै प्रकार प्रदान<br /> ऋण। तपाईं यस इमेल मा अब हामीलाई सम्पर्क गर्न आवश्यक छ भने: adams.credi@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-26015585993362064052009-03-08T01:51:00.000+05:302009-03-08T01:51:00.000+05:30दादा के कार्यकाल के उनके किए काम और ...दादा के कार्यकाल के उनके किए काम और उनकी कार्यप्रणाली से निःसंदेह अविभाजित मंदसौर जिले<BR/>का हर नागरिक वाक़िफ़ है और याद करता है .स्मृतियों के पृष्ठ यों ही पलटते रहिए..............<BR/> " दौड़ते हैं याद की , पगडंडियों पे पाँव ,<BR/> अ रा व ली की गोद बसा, अपना रामपुरा गाँव !"bhairav pharkyahttps://www.blogger.com/profile/08004698343793480561noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-28609926381778628122009-03-07T14:54:00.000+05:302009-03-07T14:54:00.000+05:30sabkuchh kitna badal gaya hai..sabkuchh kitna badal gaya hai..L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-73113315278476670832009-03-07T13:39:00.000+05:302009-03-07T13:39:00.000+05:30इसे कहते है नेता, काश आज भी होते भारत मे ऎसे नेता....इसे कहते है नेता, काश आज भी होते भारत मे ऎसे नेता. बहुत अच्छा लगा प्रकाशचन्द्रजी सेठी जी के बारे पढ कर<BR/>धन्यय्वाद<BR/><BR/>आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी भीगी भीगी बधाई।<BR/>बुरा न मानो होली है। होली है जी होली हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-33941758055081349472009-03-07T09:05:00.000+05:302009-03-07T09:05:00.000+05:30काम करना हो तो कायदे कानून आड़े भी आते हों तो भी र...काम करना हो तो कायदे कानून आड़े भी आते हों तो भी रास्ते निकाले जा सकते हैं। बस जनहित के काम करने की इच्छा तो हो।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com