tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post759784502623961098..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: गाँधी का नाम और गाँधी टोपी पर्याप्त नहींविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-82833716337362678192013-01-10T00:07:22.868+05:302013-01-10T00:07:22.868+05:30फेस बुक पर श्री ओम वर्मा 100,रामनगर एक्सटेंशन, देव...फेस बुक पर श्री ओम वर्मा 100,रामनगर एक्सटेंशन, देवास, मोबा.09302379199) की काव्य-टिप्पणी -<br /><br /> गाँधी-कल और आज <br /><br />अक्टूबर की दूसरी, माह जनवरी तीस।<br />दो दिन गाँधी देवता, बाकी दिन 'शो पीस'।।<br /> <br />गाँधी दौलत देश की, इक नंबर 'फ्री टोल'।<br />इस दौलत पे ना चलें , तोल मोल के बोल।। <br /> <br />गाँधी इक ऎसी हिना, जिसे लगाना हाथ।<br />यानी पाना मुफ्त ही, रंगों की सौगात।।<br /> <br />कुछ ने गाँधी नाम को, बना रखा है ढाल।<br />सत्य जिन्हें त्यागे हुए,गुजर चुके कुछ साल।। <br /> <br />व्यक्ति नहीं गाँधी महज, है वह एक विचार।<br />चाहे हो आलोचना, होगा बस विस्तार।।<br /> <br />नहीं बनी ऐसी तुला, जो सकती हो तोल। <br />सत्य, अहिंसा, खादियाँ, तीनों हैं अनमोल।। <br /> <br />एक बार यदि पोंछ लो, दीन नेत्र का नीर।<br />पाओगे गाँधी वहीं, बसता वहीं कबीर।।<br /> <br />समझ रहे कुछ आज भी, उन्हें टका कलदार।<br />जिसे चला कर वोट का, करते कारोबार।।<br /> <br />लाठी को अपना लिया, विसरा दिए विचार।<br />गाँधी के घर कर रही, हिंसा फिर अधिकार।।<br /> <br /> <br /> भवनिष्ठ <br /> <br />-- <br /> - ओम वर्मा<br /> 100, रामनगर एक्सटेंशन<br /> देवास<br /> 09302379199<br />विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-10954222566547557322013-01-09T08:32:00.053+05:302013-01-09T08:32:00.053+05:30फेस बुक पर, श्री सुनील ताम्रकार, इन्दौर की टिप्प...फेस बुक पर, श्री सुनील ताम्रकार, इन्दौर की टिप्पणी - <br /><br />कितना भला और शीतल विश्लेषण .... अहो सौभाग्य ..... <br />गाँधी तुम फिर आना मेरे देश!!विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-87315723559400566992013-01-06T00:45:12.128+05:302013-01-06T00:45:12.128+05:30Bhaijee ! Gandhi khud chalkar hamaare aacharan me...Bhaijee ! Gandhi khud chalkar hamaare aacharan me nahi aayega,hame aatmasaat karna hoga.Samasyaa yah hai ki is kaam ki shuruvaat/pahal pahle kaun kare ?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-75107540423151316792013-01-05T21:57:26.437+05:302013-01-05T21:57:26.437+05:30जी हॉं। आपकी कही बात मुझे भली प्रकार याद है। किन्...जी हॉं। आपकी कही बात मुझे भली प्रकार याद है। किन्तु क्या करूँ, कभी-कभी मुझ पर भी वे सारी बातें, उसी तरह असर करती ही हैं जैसा कि एक सामान्य/औसत आदमी पर करती हैं। मैं भी तो एक सामान्य/औसत मनुष्य ही तो हूँ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-22934588531841323712013-01-05T21:50:18.872+05:302013-01-05T21:50:18.872+05:30फेस बुक पर, श्री सुरेशचन्द्रजी करमरकर, रतलाम की ट...फेस बुक पर, श्री सुरेशचन्द्रजी करमरकर, रतलाम की टिप्पणी -<br /><br />गॉंध यदि हमारे आचरण में आ जाए तो भारत 'जगत् गुरु' हो जाए।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-64265573671717444072013-01-05T18:09:37.323+05:302013-01-05T18:09:37.323+05:30बैरागी भाई साहब आप याद कीजिये इसीलिए मैंने आपसे अन...बैरागी भाई साहब आप याद कीजिये इसीलिए मैंने आपसे अनुरोध किया था कि आप लेखन अर्थात विचारों के आदान प्रदान को सतत रखिये वाह आनंद आ गया Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-55557766833588702162013-01-05T18:08:57.267+05:302013-01-05T18:08:57.267+05:30इन सबने ‘व्यक्तियों’ को निशाने पर लिया, ‘वृत्ति’ क...इन सबने ‘व्यक्तियों’ को निशाने पर लिया, ‘वृत्ति’ को नहीं। रोग को नहीं, रोगियों को मिटाना चाहा। अण्णा जब गर्वपूर्वक सूचित करते हैं कि उन्होंने इतने-इतने मन्त्रियों की कुर्सियाँ छीन लीं तो लगता है, वे अपनी उपलब्धियाँ नहीं, अपनी हीन महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति की मसालेदार, मनोरंजक कथाएँ सुना रहे हैं। ऐसा करते हुए वे भूल जाना चाह रहे होते हैं कि इने-गिन भ्रष्टों को हटा देने के बाद भी भ्रष्टाचार तो जस का तस बना हुआ है। ऐसे में, वे यह भी भूल जाते हैं कि एक व्यक्ति की विफलता, उद्वेलित-आन्दोलित जन-मेदिनी की विफलता में बदल गई है। करोड़ों लोगों की आशाएँ/अपेक्षाएँ, अपने पहले ही चरण में काल-कवलित हो गई हैं।<br /><br />गाँधी, इसलिए प्रासंगिक नहीं, अनिवार्य और अपरिहार्य हैं।<br /><br />बैरागी भाई साहब आप याद कीजिये इसीलिए मैंने आपसे अनुरोध किया था कि आप लेखन अर्थात विचारों के आदान प्रदान को सतत रखिये वाह आनंद आ गया Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-53365363408615603542013-01-05T00:55:59.794+05:302013-01-05T00:55:59.794+05:30Bhaijee ! Desh me ab 'kaam-wale' nahi, ... Bhaijee ! Desh me ab 'kaam-wale' nahi, sirf 'Naam-wale' Gandhi bache hai.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-76974646321658570922013-01-04T18:37:45.456+05:302013-01-04T18:37:45.456+05:30आजकल लोग केवल नाम के रूप मे गांधीजी को इस्तेमाल कर...आजकल लोग केवल नाम के रूप मे गांधीजी को इस्तेमाल करते है,वास्तव मे वे गांधीजी के मार्ग पर चलना ही नही चाहते है,और यही असफलता का कारण है । Ravi Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07075773362331619467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-72440069523498574912013-01-04T17:08:23.387+05:302013-01-04T17:08:23.387+05:30गांधी संवेदना भी आवश्यक है।गांधी संवेदना भी आवश्यक है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-76982493434178387082013-01-04T12:22:39.762+05:302013-01-04T12:22:39.762+05:30इस लेख को चुनावो के समय होने वाली नामांकन प्रक्रिय...इस लेख को चुनावो के समय होने वाली नामांकन प्रक्रिया में जोड़ा जाये। हर उम्मीदवार को अनिवार्य रूप से ये पाठ याद करवाया जाये। प्रत्येक वर्ष ऑडिट किया जाये की उन्होंने कौन सी 'नील' को समाप्त किया। Anonymousnoreply@blogger.com