tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post8733820758845140928..comments2024-03-22T11:42:48.109+05:30Comments on एकोऽहम्: इन्हें कैसे रोकें ?विष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-60533260318908078892008-05-26T20:41:00.000+05:302008-05-26T20:41:00.000+05:30कोई रास्ता नही है यह सोच कर चुप भी नही रहा जा सकता...कोई रास्ता नही है यह सोच कर चुप भी नही रहा जा सकता...लेकिन आप कर भी क्या सकते है...सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-44740302442890317732008-05-26T20:29:00.000+05:302008-05-26T20:29:00.000+05:30मैथिली जी से सहमत कि रास्ता निकलेगा, लेकिन बालकिशन...मैथिली जी से सहमत कि रास्ता निकलेगा, लेकिन बालकिशन जी से असहमत कि "ये खुद नष्ट होंगे", इन्हें नष्ट करने के लिये किसी न किसी को संहारक का रोल निभाना पड़ेगा, क्योंकि "नेता" शब्द की कोई पार्टी या जाति/धर्म नहीं होता…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-77338992396240121102008-05-26T19:40:00.000+05:302008-05-26T19:40:00.000+05:30विष्णु जी, कोई तो रस्ता जरूर निकलेगा.बालकिशन जी की...विष्णु जी, कोई तो रस्ता जरूर निकलेगा.<BR/>बालकिशन जी की बात मान लेते हैं, कभी तो खुद खत्म करेंगे ही.मैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6032637659660002131.post-2382833069616193082008-05-26T16:16:00.000+05:302008-05-26T16:16:00.000+05:30इन्हे कोई नही रोक सकता.ये तों भस्मासुर हैं. ये सिर...इन्हे कोई नही रोक सकता.<BR/>ये तों भस्मासुर हैं. <BR/>ये सिर्ग स्वयं के किए ही नष्ट हो सकते हैं.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.com