‘राष्ट्रीय केंसर रोकथाम एवम् अनुसन्धान संस्थान’ (एनआईसीपीआर) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी कुछ आँकड़े अत्यधिक भयावह हैं -
- प्रति वर्ष 7,00,000 नए केंसर रोगी सामने आ रहे हैं।
- केंसर मौतों की संख्या 5,56,400 प्रति वर्ष हो गई है।
- महिला केंसर रोगियों के मामले में चीन और अमरीका के बाद भारत तीसरे नम्बर पर है।
- 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 14,00,000 महिलाएँ केंसरग्रस्त पाई गईं। डॉक्टरों तक नहीं पहुँच पाई महिलाएँ इनमें शरीक नहीं हैं।
- प्रसव मृत्यु के मुकाबले केंसर मृत्यु लगभग पौने दो गुना अधिक हो रही हैं।
- स्तन केंसर और सर्वाइकल केंसर मृत्यु के मामले में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है।
- बच्चादानी केंसर के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है।
- प्रति दिन 2,000 महिलाएँ केंसर रोगी के रूप में चिह्नित होती हैं। इनमें से 1,200 महिलाएँ ‘लास्ट स्टेज’ पर होती हैं।
- केंसर से मरनेवाले 70 प्रतिशत रोगी, निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के होते हैं।
केंसर का ईलाज अत्यधिक मँहगा अपितु लम्बे समय तक चलता है। केवल रोगी ही नहीं, रोगी के समूचे परिवार के धैर्य की परीक्षा हो जाती है और आर्थिक कचूमर निकल जाता है।
ऐसे में, भारतीय जीवन बीमा निगम की ‘केंसर कवर’ पॉलिसी (तालिका 905) औसत मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए ‘निर्बल के बल राम’ की तरह सहायक हो सकती है।
इस पॉलिसी की सामान्य जानकारियाँ निम्नानुसार हैं -
- यह स्वास्थ्य बीमा है।
- यह केवल केंसर की बीमारी के लिए है।
- इसमें मोटे तौर पर त्वचा केंसर के अतिरिक्त समस्त प्रकार के केंसर शरीक हैं।
- न्यूनतम आयु 20 वर्ष (पूर्ण) तथा अधिकतम आयु 65 वर्ष (निकटतम जन्म दिनांक)।
- पॉलिसी पूर्णता अवधि पर अधिकतक आयु 75 वर्ष।
- पॉलिसी अवधि न्यूनतम 10 वर्ष तथा अधिकतम 30 वर्ष। किन्तु पॉलिसी अवधि ऐसी रहेगी कि पूरी होने पर बीमाधारक की आयु 50 वर्ष या अधिक रहे। अर्थात् 20 वर्ष आयु वाले व्यक्ति को 30 वर्ष से कम अवधि की पॉलिसी नहीं मिल सकेगी।
- न्यूनत बीमा धन रुपये 10,00,000/- (रुपये दस लाख) और अधिकतम बीमा धन रुपये 50,00,000/- (रुपये पचास लाख)। बीमा धन एक लाख रुपयों के गुणक में लिया जा सकेगा।
- पॉलिसी शुरु होने के बाद, शुरु के 180 दिनों तक ही पॉलिसी के लाभ शुरु होंगे। अर्थात्, पॉलिसी शुरु होने के बाद, 180 दिनों की अवधि में यदि केंसर हो जाता है तो पॉलिसी के लाभ नहीं मिलेंगे और पॉलिसी स्वतः निरस्त/अप्रभावी हो जाएगी।
- यह पॉलिसी पिछली तारीख से शुरु नहीं होगी।
इस पॉलिसी में बीमित राशि के दो विकल्प उपलब्ध हैं -
पहला विकल्प - स्थिर बीमित राशि। अर्थात्, जितने का बीमा लिया गया है, उतनी ही रकम का बीमा पॉलिसी के अन्तिम दिनांक तक चलेगा।
दूसरा विकल्प - बढ़ती हुई बीमित राशि। इस विकल्प में, पॉलिसी का एक वर्ष पूरा होने के बाद, अगले पाँच वर्षों तक, या पहली बार केंसर चिह्नित (डायग्नोसिस) होने तक (जो भी स्थिति पहले आए तब तक) बीमित राशि में, प्रति वर्ष, मूल बीमित राशि की 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। अर्थात्, उदाहरणार्थ, यदि किसी ने 10,00,000/- रुपयों का बीमा लिया है और अगले 6 वर्षों तक केंसर चिह्नित नहीं हुआ है तो उसकी बीमित राशि 15,00,000/- रुपये हो जाएगी।
कब-कब, कितना भुगतान और क्या लाभ मिलेंगे?
पहली बार (अर्ली स्टेज) विर्निदिष्ट केंसर चिह्नित होने पर -
- बीमित राशि की 25 प्रतिशत राशि का एक मुश्त भुगतान किया जाएगा।
- अगले तीन वर्षों की प्रीमीयम माफ कर दी जाएगी।
अगली बार (मेजर स्टेज) विर्निदिष्ट केंसर होने पर -
- बीमित राशि की शेष 75 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा।
- शेष वर्षों की प्रीमीयम माफ कर दी जाएगी।
- अगले दस वर्षों तक या पालिसी समाप्त होने तक (जो भी अवधि पहले पूरी हो) बीमित राशि की 01 (एक) प्रतिशत राशि प्रति माह भुगतान की जाएगी।
कृपया ध्यान दें - विर्निदिष्ट केंसर का चिकित्सकीय प्रमाणीकरण सुस्पष्ट, सुनिश्चित और असंदिग्ध रूप से किया जाना चाहिए। केंसर निर्धारण में ‘किन्तु’, ‘परन्तु’, ‘शायद’, ‘सम्भव है’ जैसी शब्दावली स्वीकार नहीं की जाएगी।
कुछ विशेष बातें -
- प्रीमीयम भुगतान के लिए एक माह की अवधि (जो तीस दिन से कम नहीं होगी) की रियायती छूट दी जाएगी। इस अवधि में प्रीमीयम जमा नहीं करने पर पॉलिसी कालातीत (लेप्स हो जाएगी)। बकाया सारी किश्तें जमा कराने पर कालातीत पॉलिसी चालू (पुनर्चलित/रिवाइव) कराई जा सकेगी किन्तु पुनर्चलन/रिवाईवल दिनांक से 180 दिनों का प्रतिबन्ध फिर से लागू हो जाएगा।
- यह पालिसी लेने के लिए किसी भी प्रकार की कोई डॉक्टरी या खून-पेशाब, ईसीजी, एक्स-रे आदि जाँच आवश्यक नहीं है।
- इस पॉलिसी में दावा भुगतान के लिए दावेदार से चिकित्सा खर्च के बिल, रिपोर्टें आदि की मूल प्रतियाँ नहीं माँगी जाएँगी। अर्थात् यदि आपने दूसरी मेडिक्लेम पॉलिसी ले रखी है तो उसके लाभ भी आप ले सकते हैं। किन्तु, असामान्य स्थिति अनुभव होने पर, समुचित चिकित्सा कराये जाने के प्रमण माँगे जा सकते हैं।
- किसी भी स्थिति में (अर्ली स्टेज अथवा मेजर स्टेज में), केंसर चिह्नित होने के दिनांक से सात दिनों की अवधि में यदि केंसर रोगी की मृत्यु हो जाती है तो दावा स्वीकार नहीं होगा।
- इस पॉलिसी में पुरुषों के मुकाबले महिलओं की प्रीमीय अधिक है।
- जैसा कि शुरु में ही कहा गया है, यह स्वास्थ्य बीमा है, इसलिए इसमें केंसर होने पर ही दावा भुगतान किया जाएगा। पॉलिसी पूरी होने पर परिपक्वता भुगतान नहीं मिलेगा।
- प्रीमीयम की रकम पर, आय-कर अधिनियम की धारा 80 (डी) मे छूट मिलेगी।
मुझे पहली नजर में यह पॉलिसी युवा वर्ग के लिए उपयुक्त और आश्वस्तिदायक लगी है। अपने दोनों बेटों और बहुओं के लिए मैं यह पॉलिसी ले रहा हूँ।
मैंने यथा सम्भव अधिकाधिक जानकारी देने की कोशिश की है। लेकिन चूँकि मूल परिपत्र अंग्रेजी में है और मेरा अंग्रेजी ज्ञान शून्यवत है। इसलिए चूक की और अन्यथा व्याख्यायित किए जाने की आशंका की गुंजाइश है। इसलिए, यदि आपकी कोई जिज्ञासा हो तो अपने एजेण्ट से या आपके यहाँ स्थित एलआईसी कार्यालय से सम्पर्क कर लें। चाहें तो मुझसे भी मोबाइल नम्बर 098270 61799 पर सम्पर्क कर लें। मैं यथासम्भव जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश करूँगा।
इस पॉलिसी के मूल परिपत्र के पृष्ठ क्रमांक 3 और 4 मुझे महत्वूपर्ण अनुभव हुए हैं। आपकी सुविधा के लिए इनकी स्केन प्रतियाँ यहाँ दे रहा हूँ।
‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः’ की कामना सहित एक बात मुझे विशेष रूप से कहनी है।
ईश्वर आप सबको दीर्घायु प्रदान करे और आजीवन पूर्ण स्वस्थ बनाए रखे। इस पॉलिसी के (आय-कर लाभ के अतिरिक्त) लाभ उठाने की आवश्यकता कभी न पड़े। लेकिन चूँकि इस पॉलिसी के अन्तर्गत केवल केंसर रोगी को ही भुगतान किया जाएगा, इसलिए आप खुद के लिए सुरक्षा जुटाने के साथ-साथ अनजाने में ही, किसी न किसी केंसर रोगी की सहायता करने का पुण्य लाभ भी अर्जित करेंगे ही। न आप जान पाएँगे कि आपने किसकी सहायता की न ही सहायता पानेवाला जान पाएगा कि उसने किससे सहायता ली। ऐसी मूक और अज्ञात सेवा ही वास्तविक ईश्वर सेवा होती है। लिहाजा, यह पॉलिसी, मात्र एक बीमा पॉलिसी नहीं है। इससे कहीं आगे बढ़कर काफी-कुछ और भी है - अनूठा, अवर्णनीय, केवल महसूस होनेवाला आनन्ददायी, आत्म-सन्तोष।
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परिपत्र पेज - 3
परिपत्र पेज - 4
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (01-08-2018) को "परिवारों का टूटता मनोबल" (चर्चा अंक-3050) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत-बहुत धन्यवाद। यह बात आगे बढाने से कुछ केंसर पीडितों का भला होगा।
Deleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन जन्म दिवस - मीना कुमारी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद। यह बात आगे बढाने से कुछ केंसर पीडितों का भला होगा।
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