आजादी की पहरेदारी
हम बच्चों की जिम्मेदारी है.....
महाकाल से टकरा जायें
ये तैयारी है.....
हमारी ये तैयारी है।।
आजादी की पहरेदारी।।
-1-
ओ! रे आग लगाने वालों
कफन बेचने वालों सुन लो
सुन लो रे गुर्राने वालों
उधर तुम्हारी
इधर हमारी
ये लाचारी है.....
महाकाल से टकरा जायें
ये तैयारी है.....
हमारी ये तैयारी है।।
आजादी की पहरेदारी।।
-2-
चिन्ता मत कर भारत माता
हम हैं तेरे भाग्य विधाता
देखेंगे अब तेरा दुश्मन
जिन्दा कैसे बच कर जाता
पूछ रहे हैं एक-एक से
किसकी बारी है.....
महाकाल से टकरा जायें
ये तैयारी है.....
हमारी ये तैयारी है।।
आजादी की पहरेदारी।।
-3-
भाईचारा पालेंगे हम
युद्ध हमेशा टालेंगे हम
लेकिन कोई ये न समझे
सबकी ठोकर खा लेंगे हम
अंगारों की इज्जत रखे
वो चिनगारी हैं.....
महाकाल से टकरा जायें
ये तैयारी है.....
हमारी ये तैयारी है।।
आजादी की पहरेदारी।।
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भावी रक्षक देश के - भूमिका और सामान्य जानकारियाँ यहाँ पढ़िए
भावी रक्षक देश के - पहला बाल-गीत ‘आह्वान’ यहाँ पढ़िए
भावी रक्षक देश के - तीसरा बाल-गीत ‘प्रेरणा’ यहाँ पढ़िए
भावी रक्षक देश के (कविता)
रचनाकार - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - राजपाल एण्ड सन्ज, कश्मीरी गेट, दिल्ली
मुद्रक - शिक्षा भारती प्रेस, शाहदरा, दिल्ली
मूल्य - एक रुपया पचास पैसे
पहला संस्करण 1972
कॉपीराइट - बालकवि बैरागी
रचनाकार - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - राजपाल एण्ड सन्ज, कश्मीरी गेट, दिल्ली
मुद्रक - शिक्षा भारती प्रेस, शाहदरा, दिल्ली
मूल्य - एक रुपया पचास पैसे
पहला संस्करण 1972
कॉपीराइट - बालकवि बैरागी
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यह संग्रह हम सबकी ‘रूना’ ने उपलब्ध कराया है।
‘रूना’ याने रौनक बैरागी। दादा की पोती।
रूना, राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की सदस्य और यह कविता प्रकाशन के दिन उदयपुर में अतिरिक्त आबकारी आयुक्त के पद पर पदस्थ है।
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