अनूठा दीपावली मिलन

दीपावली का दूसरा दिन मालव में ‘सुहाग पड़वा’ के रुप में मनाया जाता है। इस दिन, सुहागिनें, अपने रिश्ते और व्यवहार की वरिष्ठ महिलाओं का अभिवादन करने उनके घर जाती हैं, उनके चरण स्पर्श कर, उनके आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।


रतलाम एक व्यावसायिक कस्बा है। लगभग पौने तीन लाख की जनसंख्या वाले इस कस्बे में दीपावली के अगले दिन ‘दीपावली मिलन’ की सुदीर्घ परम्परा है। इस दिन मानो पूरा रतलाम सड़कों पर आ जाता है। हर कोई अपने नाते-रिश्तेदारों और मिलने वालों से ‘दीपावली मिलन’ हेतु उनके घर जाता है और वह भी सम्भव हो तो सपरिवार। ऐसा करने में ऐसा प्रायः ही होता है कि मैं जिसके यहाँ मिलने गया, वह मेरे घर मिलने चला आया। परिणामस्वरूप हम दोनों ही हाजरी एक दूसरे के घर तो लग गई किन्तु मुलाकात नहीं हो पाई।


किन्तु इस शहर की राजस्व कॉलोनी और पत्रकार कॉलोनी के निवासियों ने इस परम्परा को सामूहिकता का सुखद-विस्तार देकर इसे अनूठा बनाया हुआ है। लगभग पौने दो सौ मकानों वाली इन कॉलोनियों के लोग अपने-अपने घर से निकल कर सामूहिक रुप से ‘दीपावली-मिलन’ करते हैं। पहले मकान से निकला व्यक्ति, कॉलोनी के अन्तिम मकान तक पहुँचते-पहुँचते विशाल जन समुदाय में (आप इसे जुलूस भी कह सकते हैं) बदल जाता है। गलियों में इस जुलूस की प्रतीक्षा होती है। जिस गली में यह जन समूह आता है, उस गली के लोग इसका हिस्सा बन कर साथ हो लेते हैं। यह सब दर्शनीय होता है।


दोनों कॉलोनियों के लोग ‘होली मिलन’ भी इसी अनूठी सामूहिकता से मनाते हैं।
इस बार के इस दीपावली मिलन को यहाँ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ। प्रारम्भिक दृश्य मैंने और अन्तिम महत्वपूर्ण दृश्य मेरे छोटे बेटे तथागत ने शूट किए हैं। वीडियो को ब्लॉग पर लाने के लिए तकनीकी परामर्श श्री रवि रतलामी ने दिया जिसका पालन करते हुए मेरे बड़े बेटे वल्कल ने समूची शूटिंग को यू ट्यूब पर अपलोड कर, ब्लॉग पर लगाने के काबिल किया।


मेरी पहली ‘वीडियो पोस्ट’ को आशीर्वाद दीजिएगा। सम्भव हुआ तो होली मिलन भी प्रस्तुत करने की कोशिश करूँगा।




























आपकी बीमा जिज्ञासाओं/समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराने हेतु मैं प्रस्तुत हूँ। यदि अपनी जिज्ञासा/समस्या को सार्वजनिक न करना चाहें तो मुझे bairagivishnu@gmail.com पर मेल कर दें। आप चाहेंगे तो आपकी पहचान पूर्णतः गुप्त रखी जाएगी। यदि पालिसी नम्बर देंगे तो अधिकाधिक सुनिश्चित समाधान प्रस्तुत करने में सहायता मिलेगी।


यदि कोई कृपालु इस सामग्री का उपयोग करें तो कृपया इस ब्लाग का सन्दर्भ अवश्य दें । यदि कोई इसे मुद्रित स्वरूप प्रदान करें तो कृपया सम्बन्धित प्रकाशन की एक प्रति मुझे अवश्य भेजें । मेरा पता है - विष्णु बैरागी, पोस्ट बाक्स नम्बर - 19, रतलाम (मध्य प्रदेश) 457001.

5 comments:

  1. wah ye hui n deevali
    Badhaiyan bairagi ji

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  2. सफल रही भई आपकी विडियो पोस्ट...बधाई इसकी भी और दिवाली की भी. आभार इन जानकारियों का.

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  3. विष्णु भाई को दीपावली मुबारक । बल्कल और आपकी मेहनत तथा रवि भाई के मार्गदर्शन को सलाम । भारतीय समाज में सुहाग पाड़वा जैसी परम्परा कम ही हैं जब सुहागन को महत्व मिलता हो , घरेलू कामों से उनकी छुट्टी हो तथा मोहल्ले के वरिष्टों के यहाँ आशीर्वाद प्राप्त करने का भी उन्हें अवसर मिलता रहा हो ।
    पत्रकार कॉलॉनी और राजस्व कॉलॉनी के दीवाली मिलन में क्लिप संख्या ८,९ से पड़ोसी मोहल्ले की टोली का आगमन शुरु होता दीख रहा है । आने वाली टोली में महिलायें ,बच्चियाँ,सुहागिनें नदारद हैं । वे अपने - अपने घरों के सामने आगन्तुकों की आवभगत में जरूर हैं । यहाँ से आगे बढ़ते वक्त भी सुहागिनें पीछे छूट गयीं होंगी ।
    इस प्रकार पत्रकारों और राजस्व कर्मियो/अधिकारियों की स्त्री-विहीन-सामूहिकता मुझे सुहागन पाड़वा की स्वस्थ परम्परा को खतम करने वाली लगी ।
    आपका आँखों - देखा हाल और टिप्पणियाँ प्रभावशाली है ।
    प्रणाम,
    सविनय,

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  4. वाह! जानीपहचानी जगहें वीडियो में देखने का आनन्द अनूठा है। और बैरागी जी, आप तो हाईटेक हो लिये वीडियो ठेल कर!

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  5. कमाल कर दिया बैरागी जी. मजा आ गया. ज्ञानवर्धन भी हुआ. आभार.

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