लोगों को दीपावली की रात को लक्ष्मी मिलती है । मुझे तो दीपावली की ऐन सवेरे-सवेरे ही मिल गई ।
'अनवरत' से प्रेरित हो, मैं अपने ब्लाग की ‘मुख-मुद्रा’ बदलना चाहता था । इसी तरह, मुझ पर कृपा वर्षा करने वालों के ब्लागों की सूची भी मैं अपने ब्लाग पर देना चाहता था । लेकिन यह कैसे किया जा सकता है, नहीं जानता था । रविजी (श्री रवि रतलामी) के अतिरिक्त रतलाम में और कोई भी ऐसा नहीं जो इसमें सहायता दे सके । रविजी से एक-दो बार बात हुई अवश्य थी लेकिन ‘हाँ, कभी भी कर लेंगे’ वाला स्थायी भाव बना हुआ था । इस बीच अचानक ही रविजी भोपाल निवासी हो गए । मैं रह गया एकाकी, निरुपाय ।
कुछ दिनों पूर्व रविजी ने सूचित किया था कि वे 21 अक्टूबर को रतलाम आ रहे हैं - एक कोर्ट पेशी पर । सोचा था, उस दिन उन्हें साँस लेने का भी अवकाश नहीं दूँगा, उनका तेल निकाल दूँगा । लेकिन जिन जज महोदया के यहाँ सुनवाई होनी थी, वे उस दिन अवकाश पर थीं । सो, रविजी आए तो थे टहलते हुए लेकिन लौट गए हवा के पैरों । भेंट भी नहीं हो पाई ।
दीपावली की सवेरे मोबाइल की घण्टी बजी । पर्दे पर रविजी का नाम उभर रहा था । नमस्कार और दीपावली अभिनन्दन के बाद उन्होंने चैंकाया - ‘रतलाम से ही बोल रहा हूँ । अपना तेल निकजवाने कब आऊँ ?’ और तय हो गया कि वे दस मिनिटों में मेरे निवास पर पहुँच रहे हैं ।
वे आए और बिना किसी औपचारिकता के, मेरी मनोकामना पूरी करन में जुट गए । कोई घण्टा-सवा घण्टा लगा और मेरा ब्लाग बिलकुल वैसा ही सामने था जैसा मैं चाह रहा था । उसकी ‘मुख मुद्रा’ बदल गई थी और कृपालुओं के ब्लागों के नाम सूचीबध्द हो चुके थे । जो कृपालु नियमित रुप से मेरे ब्लाग पर दृष्टिटपात करते हैं, उन्होंने इस परिवर्तन को अवश्य ही अनुभव किया होगा ।
सो मेरी यह दीपावली, मनोकामना पूरी करने वाली रही । जो इच्छा की थी, पूरी हुई । अब तक मेरा ब्लाग सपाट था, बंजर जमीन की तरह । अब उस पर कई ब्लागों के वट वृक्ष तने खड़े हैं, मुझे छाया देते हुए, मेरी रखवाली करते हुए ।
जैसी दीपावली मेरी हुई, ईश्वर वैसी सबकी करे । जिसने जो कामना की हो, वह पूरी हो ।
यदि कोई क़पालु इस सामग्री का उपयोग करें तो कृपया इस ब्लाग का सन्दर्भ अवश्य दीजिएगा । यदि इस सामग्री को मुद्रित स्वरूप प्रदान करते हैं तो कृपया सम्बन्धित प्रकाशन की एक प्रति मुझे उपलब्ध कराने की कष्ट उठाइएगा । मेरा पता है - पोस्ट बाक्स नम्बर-19, रतलाम-457001 (मध्य प्रदेश)
एकोऽहम् के नए रुप पर बधाई। पहले से सुंदर लग रहा है।
ReplyDeleteदीपावली पर अन्तर्देशीय भी मिला । और एकोSहम के नये स्वरूप के लिए रविजी और आपको बधाई।मेरे चिट्ठे पर एकोSहम की कड़ी दे दी गई है।
ReplyDeleteसप्रेम,
अफ़लातून
रूप चौदस पर नया रूप मिला क्या .....
ReplyDeleteअच्छा लग रहा है...बधाई
आप को बधाई और रवि भूपाली जी को धन्यवाद।
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