अन्ततः वह हो ही गया जिसके लिए मैं सवेरे से ही आशंकित था और जिसके न होने के लिए मैं ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था ।
आज ‘फादर्स डे’ है और मैं अब तक अपने आप को ऐसे किसी भी ‘डे’ के लिए ढाल नहीं पाया हूँ । ऐसे उपक्रमों को मैं बहुरा’ट्रीय कम्पनियों का षड़यन्त्र मानता हूँ । ऐसे ‘डे’ को और कुछ भी नहीं होता, सिर्फ बड़ी कम्पनियों के ग्रीटिंग कार्डों की बिक्री खूब हो जाती है । मेरे पिताजी की मृत्य 1992 में हुई और माँ की मृत्य उनसे लगभग तीन साल पहले 1989 में । लेकिन माँ आज भी मेरी नसों में बह रही है और पिता आज भी मेरे साथ बने हुए हैं ।
लेकिन मेरे दोनों बेटे ‘आज के जमाने’ के हैं । यह मेरी ही असफलता है कि मैं उन्हें वह सब नहीं समझा पाया जो उन्हें समझाया जाना था ।
सो, सबसे पहले बहू ने फोन पर मुझे ‘फादर्स डे’ पर ‘ग्रीट’ किया और फोन अपने पति, याने मेरे बेटे को थमा दिया । मेरे बेटे ने भी पूर्व निर्धारित, शुष्क शब्दावली में मुझे ‘ग्रीट’ किया । मैं ने भी धन्यवाद कहने की रस्म अदायगी की । इस सबमें, एक मिनिट भी नहीं लगा और ‘फादर्स डे’ मन गया ।
थोड़ी देर बाद छोटे बेटे का फोन भी आ गया । पहले तो उसने देर से फोन करने के लिए ‘सारी’ कहा और फिर ‘ग्रीट’ किया - फादर्स डे पर आपको बधाई । मैं ने उसे भी धन्यवाद दिया । इसमें भी एक मिनिट के भीतर ही काम पूरा हो गया ।
मुझे लग रहा है कि मैं अभी भी अपने ही समय में ठहरा हुआ हूँ । ‘आज‘ में अब तक नहीं पहुँच पाया हूँ । कहूँ कि मैं अभी तक ‘भारत’ में ही पड़ा हुआ हूँ और मेरे बेटे ‘इण्डिया’ में पहुँच गए हैं ।
इस पूरे घटनाक्रम की पहली प्रतिक्रिया मुझ पर जो हुई कि मुझे एक ठीक-ठीक ‘ओल्ड होम’ की तलाश अभी से कर लेनी चाहिए ।
अपना आखिरी समय मुझे शायद वहीं गुजारना पड़ेगा ।
इसी वेदना को लेकर मेरी भावना मेरे बलॉग पर बॉचियेगा..बड़ी कृपा होगी.
ReplyDeleteविष्णु जी आपके पिछले ७-८ पोस्ट से पढ़ रहा हू. २७ साल का हू तो लगभग आपके बेटो की उम्र का होऊंगा. आपकी बातो से मैं इतेफाक नही रखता. हमलोग इस "डे" संस्कृति को इतना शक भरी नजरो से क्यों देखते हैं? मेरा मानना है की ग्रीट करने में कोई बुराई नही है. आपके बेटे आज की समझ रखते हुए भी आप ही के संस्कारों से भरे हुए होंगे. ऐसी मेरी समझ है क्योंकि मैं ऐसा ही हू. हमे बेटो के हिसाब से तब तक बदलना चाहिए जहा वो किसी का भरी नुकसान ना कर दे. आप अपने बेटो से बात कीजिये और नही तो इस पोस्ट को दिखा दीजिये. उनकी आँखे निशित रूप से नम हो जाएँगी. मेरा यकी मानिये.
ReplyDeleteshriman bairagi saheb http://birdswatchinggroupratlam.blogspot.com/ per aapki nayee ID taiyaar hai krupya dekhen jaroor jaroor
ReplyDeletevriddhaashram ko samarpit lekh padha dil ko cchoo sa gaya . abhinandan
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