कितना देता है आकाश!



कितना देता है आकाश!

देता है बेहद ऊँचाई,
देता है भरपूर प्रकाश।
रिमझिम करते बादल देता
और पवन देता उनचास।

तरह-तरह के मौसम देता
रंग-बिरंगे बारहमास,
कितना देता है आकाश!

जो भी देता, सबको देता,
भेद-भाव का नाम नहीं।
छोट-मोटा नहीं देखता,
राव-रंक का काम नहीं।

इसका नहीं पराया कोई,
सब ही इसके खासम-खास।
कितना देता है आकाश!
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