वधु की प्रतीक्षा










वधु की प्रतीक्षा में बैठा वर ।

कन्या भ्रूण की हत्याओं के कारण चिन्ताजनक रूप से असन्तुलित हो रहे लिंग अनुपात पर ये दोनों चित्र अपने आप में सटीक टिप्पणी से कम नहीं लगते ।


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6 comments:

  1. आ इन्तेज़ार है तेरा
    दिल बेकरार है मेर!

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  2. हम आप बैठे हों तो ऐसा ही मंज़र होगा.

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  3. बेटी ना होने का दर्द बेटों की मां ही समझ सकती है । मैं नहीं जानती ,वो कौन लोग होते हैं ,जो बेटियों को दुनिया आने से पहले ही बिदा करने का कठोर और निर्मम फ़ैसला लेते हैं । परिवार में मिले प्यार दुलार के बाद मैं तो यही कहूंगी ," जो अब किए हो दाता ऎसा ही कीजो ,अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो , साथ ही अगले जनम मोहे बिटिया भी दीजो ।"

    बहरहाल बिगडता सामाजिक संतुलन चिंताजनक है ।

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  4. चिड़ियों द्वारा खेत चुग जाने के पहले ही चेत जायें तो ठीक है।

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  5. कन्या भ्रूण की हत्या करने वाले को मै कंस कहता हूं, ओर जो लोग यह काम करते है उन्हे बहु भी मत दो, वरना यह आप की बेटी की बेटी की भी हत्या करेगे.
    आप ने चित्र के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया.
    धन्यवाद

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