मेरा निर्धारण आप करें


भारतीय जीवन बीमा निगम की नवीनतम पालिसी 'जीवन आस्था' पर केन्द्रित, 16 दिसम्बर 2008 वाली मेरी पोस्ट ‘आस्था’ बिक रही है, तत्काल खरीद लें में मैं ने यह पालिसी तुरन्त खरीद लेने की अनुशंसा की थी। मैंने कहा था कि मैं केवल अनुशंसा नहीं कर रहा हूँ अपितु अपने बेटे के लिए यह पालिसी खरीद रहा हूँ। मैंने कहा था -'आपको उसी खरीदी की सलाह दे रहा हूँ जो खरीदी मैं खुद कर रहा हूँ।'


अत्यधिक विचलित और विगलित मनःस्थिति में सूचना दे रहा हूँ कि मैं यह खरीदी नहीं कर पाया और इस पालिसी की बिक्री के अन्तिम दिनांक, 21 जनवरी 2009 तक भी नहीं खरीद सकूँगा। इसका कारण मैं सार्वजनिक कर आप सबसे जानना चाह रहा हूँ कि मैं खुद को क्या समझूँ?


मैं इस समय आयु के 62वें वर्ष में चल रहा हूँ और यह पालिसी 60 वर्ष तक की आयु वालों के लिए है। मेरी जीवनसंगिनी 53वाँ वर्ष पूरा करने वाली है। इस आयु वालों के लिए यह पालिसी मुझे कम लाभदायक लगती है इसीलिए अपनी उपरोल्लेखित पोस्ट में मैं ने इसे 13 से 40 वर्ष के आयु वर्ग वालों के लिए इसकी अनुशंसा की थी। मेरा बड़ा बेटा, हैदराबाद में, एक विदेशी कम्पनी में कार्यरत है और आय-कर-नियोजन की दृष्‍िट से वह यथेष्‍ठ निवेश कर चुका है। ऐसे में मेरा छोटा बेटा ही बचा जिसके नाम पर मैं यह पालिसी ले सकता था। वह इस अगस्त में 19 वर्ष पूरे करेगा-सो उसकी प्रीमीयम भी तनिक कम होती।


वह इस समय इन्दौर के एक निजी कालेज में, बी.ई. के दूसरे वर्ष (तीसरे सेमेस्टर) में पढ़ रहा है। उसके हस्ताक्षर के लिए मैंने फार्म भेजा तो उसने फोन पर इसका प्रयोजन जानना चाहा। जानकारी देने पर उसने तनिक हिचकिचाहट से अनुरोध किया कि मैं उसके नाम पर यह पालिसी न लूँ। पैसे-कौड़ी के मामले में ऐसा उसने पहली बार किया। इससे पहले दो बार, जब उसके लिए पालिसी लेने के लिए उससे हस्ताक्षर करने को कहा तो उसने तत्काल ही हस्ताक्षर कर दिए थे। तब वह रतलाम में ही पढ़ रहा था।


सो, उसका नकारना मुझे न केवल अटपटा लगा अपितु मुझे आहत भी कर गया। मुझे लगा, वह मेरी अवज्ञा और अवहेलना कर रहा है। मैंने तनिक आवेश में उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहा है? उसके उत्तर ने मुझे चुप कर दिया।


उसने रुक-रुक कर बोलते हुए (मानो या तो वह हकला हो गया हो या फिर अपनी सम्पूर्ण शक्ति लगा कर उसे बोलना पड़ रहा हो) कहा कि हम लोग उसकी पढ़ाई पर और घर से बाहर रहने के कारण पहले ही प्रति वर्ष अच्छी-खासी रकम खर्च कर रहे हैं। फिर, उसके नाम पर यह पालिसी मैं अपने ‘टैक्स प्लानिंग‘ के लिए भी नहीं ले रहा हूँ। केवल, पालिसी लेने के लिए पालिसी ले रहा हूँ। यह उसे अच्छा नहीं लग रहा है।


उसने लगभग ऐसा कुछ कहा-‘पापा! आप लोग मुझे कैसे पढ़ा रहे हैं यह मैं जानता हूँ। आप मेरे लिए यह पालिसी मत लीजिए। ये रुपये आप एक साल के लिए एफडी कर दीजिए। अगले साल मेरी फीस चुकाने के काम आएँगे। मैं आपकी कोई मदद तो नहीं कर सकता लेकिन आपको इस खर्चे से तो बचा ही सकता हूँ। आपसे यह कहने के लिए मुझे बहुत हिम्मत जुटानी पड़ रही है। लेकिन प्लीज! आप मेरे नाम पर यह खर्चा मत कीजिए।’


उसकी ऐसी बातें सुनकर मेरी वाणी रुँध गई। मैं तो उसे छोटा बच्चा ही मान रहा हूँ और वह है कि बड़ों की तरह मुझे समझा रहा है! मेरी ओर से कोई जवाब न पाकर उसने दो-तीन बार 'हेलो! हेलो!' कहा। मुझसे बोला नहीं जा रहा था। उसे मेरी इस दशा का अनुमान सम्भवतः हो गया था सो उसने फोन बन्द कर दिया।


और इस तरह मैं अपनी कही बात पर अमल नहीं कर पाया। कर भी नहीं सकूँगा। मुझसे मत पूछिए कि मुझ पर क्या बीती और इस ‘आप बीती’ को लिखते हुए इस समय क्या बीत रही है।


आप ही तय करें कि मैं क्या हूँ - भाग्यशाली पिता या असफल, अभागा (और झूठा) बीमा एजेण्ट?

यदि कोई कृपालु इस सामग्री का उपयोग करें तो कृपया इस ब्लाग का सन्दर्भ अवश्‍य दें । यदि कोई इसे मुद्रित स्वरूप प्रदान करें तो कृपया सम्बन्धित प्रकाशन की एक प्रति मुझे अवश्‍य भेजें । मेरा पता है - विष्‍णु बैरागी, पोस्ट बाक्स नम्बर - 19, रतलाम (मध्य प्रदेश) 457001.

कृपया मेरे ब्लाग ‘मित्र-धन’ http://mitradhan.blogspot.com पर भी एक नजर डालें ।

13 comments:

  1. बधाई, निश्चित रूप से आप सौभाग्यशाली हैं.
    ये अवज्ञा और अवहेलना कतई नहीं है. बच्चों की आकांक्षा होती है कि उनके माता पिता अपने ऊपर भी तो कुछ व्यय करें.
    हर सौभाग्यशाली के बेटे एसे ही होते हैं.

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  2. देखिए आप उम्र के जिस पडाव पर हैं वहाँ दूसरे लोग आपसे आशा रखते हैं कि आप उन्हें मजबूती दें . पर आप हैं कि हर बात पर भावुक हो जाते हैं यह अच्छी बात नहीं है . उत्साही रहें और हमारा भी उत्साह बढाएं .
    आप बहुत भाग्यशाली पिता हैं . नेगेटिव बिल्कुल न सोचें .

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  3. विष्णु जी,
    हम कहें तो सिर्फ़ दोहराव ही होगा, आप भाग्यशाली हैं यह बात तो आप जानते ही हैं लेकिन यह तो मैं कहूंगा ही की आपके बच्चे भी भाग्यशाली हैं जो उन्हें इतना जिम्मेदार बनाने वाले माता-पिता मिले हैं. मुझे विश्वास है कि आपके बच्चे सब ठीक ही करेंगे!

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  4. भाग्यशाली पिता!!!!

    आप सौभाग्यशाली हैं!!!

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  5. बड़े भाग्यशाली पिता हैं आप

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  6. आप अपने पर भरोसा तो रखते ही हैं ना तो अपने ही बच्चों पर भी भरोसा रख कर देखिए तो सही. अच्छा होगा तो आपको सुकून आएगा, बुरा हुआ तो उन्हें अनुभव मिल जाएगा. दोनों ही परिस्थितियों में आपका लाभ.

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  7. बधाई आपको, आपके पुत्र ने सही निर्णय किया, मैने भी एसा ही किया और करता..

    हम चाहते है कि हम आत्मनिर्भर हो, अपने काम खुद करें और माता-पिता पर व्यर्थ में बोझ न बने.. मेरा मतलब गैर जरुरी खर्चों से हैं..

    अच्छा है आपका पुत्र ये सब समझता है... आप भाग्यशा्ली पिता भी है और अच्छे बीमा एजेन्ट भी.. वरना कौन एजेन्ट इतनी इमानदारी से अपनी बात कहता है..

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  8. आप वाकई बहुत भाग्यशाली हैं। इस से अधिक कहने की गुंजाइश नहीं है।

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  9. बहुत ही भाग्यशाली हैं आप इसमे कोई दो राय नही है | आज अगर सब बेटे ऐसा सोचने लगे तो हमारी कितनी ही प्रॉब्लम सॉल्व हो जायेगी |

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  10. sorry for inconvienience uncle! par mere pass hindi wala writing option nahi hai!
    aap mujhe nahi jaante lekin main aapko acchi taraha janti hu. Apka wo 19 saal ka chota beta mera bahut accha dost hai. Hum log classmates hain aur wo aksar aap logo k baare me mujhe batata rahta hai.
    Uske nature se to aisa kuch lagta nahi ki wo itna samajhdar hai. lekin agar aisa hai to aap bahut bhagyashali ho. waise aapka aaj ka blog dekhne k liye usne hi mujhe kaha tha. main usko ye nahi batane wali ki aapne kya likha hai.
    magar itna zarur kahungi ki ek baar jaakar khud wo ye blog dekh le.
    Aapko comment post karne k liye maine khud ka bhi blog banaya hai...! "ashleshaanubhav" mere blog ka naam hai.
    13 tarikh tak main us par kuch bhi likh nahi paungi kyunki exams chal rahe hain.
    13 ko kuch zarur likhungi jo aapke bete se seekha hai. Aasha hai aap padh kar kuch comment denge!
    aapke baki topics bhi padhungi lekin course khatm ho jane k baad.
    Prnaam uncle.

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  11. आहो भाग्य आपके. अब चिंता क्यों करते हैं.

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  12. बैरागी जी! आजकल के इस युग में ऎसी नेक पितृ हितैषी संतान तो किसी सौभाग्यशाली पिता को ही प्राप्त होती है.
    इस घटना पर मन दुखी करने की अपेक्षा आपको तो गर्व करना चाहिए.

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  13. बधाई! आप बहुत सौभाग्याशाली पिता और सफल बीमा एजेण्ट हैं।

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