पापा करते कितना काम!

बड़ी सुबह वे चाय बनाते
नल पर से पानी भर लाते
कपड़े धोते, बर्तन मलते
फिर चूल्हे पर दाल चढ़ाते

तब तक माँ करती आराम
पापा करते कितना काम!

हमें जगाते, फिर नहलाते
सारा होम-वर्क करवाते
माँ का सिर दुखता रहता है
सबका खाना स्वयं पकाते

ले-ले करके हरि का नाम
पापा करते कितना काम!

दफ्तर जाते, वापस आते
फिर से चौके में घुस जाते
वही रसोई, वे ही बर्तन
फिर मम्मी के बाम लगाते

कट गई यूँ ही उमर तमाम
पापा करते कितना काम!
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