बेमिसाल हम





श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह
‘शीलवती आग’ की दूसरी कविता 





बेमिसाल हम
 

बर्फ का जमना
हवा का रमना
फूलों का खिलना
सूरज का साँझ सवेरे
अपने स्थानक पर मिलना
न कभी रुका है न रुकेगा।

पहिले रात, फिर प्रभात
या पहिले प्रभात फिर रात
पर, ले-दे कर तय है यह बात
कि हमारा चाहा, अचाहा
सब मथता रहगा हमारी आत्माग्नि को।

आज का दिन क्या दे रहा है हमें
और आगामी कल फूलों को
कौन से रंग देगा?
मात्र यही नहीं है समस्या
समस्या है हमारी तृषाहीन तपस्या
समस्या है आँखों से लिपटी
घटाटोप अमराई-सी घनी और घनी अमावस्या।

बूढ़े सूरज की हर बार हम ही करते हैं हत्या
जवान सूरज को हम ही जलने नहीं देते
कोख उजाड़ने की क्रूर कोशिश में
सूरज को हम किसी भी कोख में
पलने नहीं देते।

सूरज के सन्देह में हमने
तारों तक को नोंच डाला।
वर्तमान का काजल पोंछने की
पागल कोशिश में
भविष्य तक का कुंकुम पोंछ डाला।

हम फिर जहाँ के तहाँ
याने कि न यहाँ न वहाँ।
पहिले उदास, फिर निराश, और फिर हताश
और ज्यों ही फूलता है फागुन में पलाश
कि हम फिर हो जाते हैं आशावान।
ढाक के तीन पात
जैसी छोटी-सी बात भी भूल जाते हैं हम
अनमनी कूँची
ओर ऊलजलूल रंग लेकर
किसी अमूर्त को मूर्त करते हुए
फूल जाते हैं हम।

तीसरे पहलू पर गौर करें
तो वाकई कितने बेमिसाल हैं हम?
बर्फ जमे न जमे
हवा रमे न रमे
फूल खिले न खिले
सूरज स्थानक पर मिले न मिले
फिर भी किस कदर खुशहाल हैं हम?

न घर के, न घाट के
छेद गिन रहे हैं
अपनी ही खाट के।
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संग्रह के ब्यौरे
शीलवती आग (कविता संग्रह)
कवि: बालकवि बैरागी
प्रकाशक: राष्ट्रीय प्रकाशन मन्दिर, मोतिया पार्क, भोपाल (म.प्र.)
प्रथम संस्करण: नवम्बर 1980
कॉपीराइट: लेखक
मूल्य: पच्चीस रुपये 
मुद्रक: सम्मेलन मुद्रणालय, प्रयाग




यह संग्रह हम सबकी ‘रूना’ ने उपलब्ध कराया है। ‘रूना’ याने रौनक बैरागी। दादा श्री बालकवि बैरागी की पोती। रूना, राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की सदस्य है और यह कविता प्रकाशन के दिन उदयपुर में अतिरिक्त आबकारी आयुक्त के पद पर पदस्थ है।

                                                                                                            

रूना के पास उपलब्ध, ‘शीलवती आग’ की प्रति के कुछ पन्ने गायब थे। संग्रह अधूरा था। कृपावन्त राधेश्यामजी शर्मा ने गुम पन्ने उपलब्ध करा कर यह अधूरापन दूर किया। राधेश्यामजी दादा श्री बालकवि बैरागी के परम् प्रशंसक हैं। वे नीमच के शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता हैं। उनका पता एलआईजी 64, इन्दिरा नगर, नीमच-458441 तथा मोबाइल नम्बर 88891 27214 है। 













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