पसीनो ललाट को

श्री बालकवि बैरागी के मालवी श्रम-गीत संग्रह
‘अई जावो मैदान में’ की तेरहवीं कविता


यह संग्रह डॉ. श्री चिन्तामणिजी उपाध्याय को समर्पित किया गया है।



पसीनो ललाट को

लिख्या लेख कदी न्ही धोवे पाणी घाटम-घाट को
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट कोे

भाग लिखण सारू उठ्या जद माचा से भगवान
चरर मरर माचो कर्यो बस खुलग्या म्हारा कान
म्हारी दशा पर दाँत काड़तो
बोल्यो ढाँचो खाट को
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को

पाँच दाण पूजा करे ने तीन दाण तू न्हाय
रोणा रोवा भाग का तू नत को तीरथ जाय
पण नही धोवे लेख करम का
यो चन्दन को वाटको
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को

गंगा न्हायो गोमती ने गयो नरमदा तीर
देव देवरा धोकिया ने लाख मनाया पीर
भाग दौड़ में भाग थकीग्यो
तू भी वेईग्यो साठ को
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को

थाकीग्यो भगवान भी कर मुन्शी को काम
मन आवे उइ माँडने राखे अपणो नाम
कटा तलक थी गुण गावोगा
अणी रुपारी चाट को 
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को

बड़े परोड़े उठो और धरती ने शीश नमाओ रे
श्रम सरवर का अमृत जल से आखा दन भर न्हाओ रे
तो राते अपणे आप मिलेगा
शीरा भरियो वाटको
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को

चाँद लिखे तारा भणे रे आखी-आखी रात
सूरज आखो दन कहे रे किरणाँ से या बात
पेलो-पेलो बोल यही है
खुशहाली का पाठ को
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को

भाग भरोसे आँगणे मत कर दुःख का ढेर
चोटी ती ऐड़ी तलक श्रम का मोती पेर
थारे पगाँ पड़ेगा वाण्यो
जबरा जंगी हाट को
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को

थाली में ती गई गरीबी रही कटोरी माँय
ध्यान राखजो अणी घड़ी में कोई ऊँघी न्ही जाय
जाती-जाती कंगाली के
दीजो रे दादा झाटको
ललाट की लकीराँ धोवे पसीनो ललाट को
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संग्रह के ब्यौरे
अई जावो मैदान में (मालवी कविता संग्रह) 
कवि - बालकवि बेरागी
प्रकाशक - कालिदास निगम, कालिदास प्रकाशन, 
निगम-निकुंज, 38/1, यन्त्र महल मार्ग, उज्जन (म. प्र.) 45600
प्रथम संस्करण - पूर्णिमा, 986
मूल्य रू 15/- ( पन्द्रह रुपया)
आवरण - डॉ. विष्णु भटनागर
सर्वाधिकार - बालकवि बैरागी
मुद्रक - राजेश प्रिन्टर्स, 4, हाउसिंग शॉप, शास्त्री नगर, उज्जैन





यह संग्रह हम सबकी ‘रूना’ ने उपलब्ध कराया है। ‘रूना’ याने रौनक बैरागी। दादा श्री बालकवि बैरागी की पोती। रूना, राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की सदस्य है और यह कविता प्रकाशन के दिन उदयपुर में अतिरिक्त आबकारी आयुक्त के पद पर पदस्थ है।











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