‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’
की तरानब्बेवी कविता
यह कविता संग्रह
पाठकों को समर्पित किया गया है।
बेटियों का गीत
नारी हूँ, सन्नारी हूँ
भारत माता की बेटी हूँ
ईश्वर की आभारी हूँ
नारी हूँ, सन्नारी हूँ।
(1)
जीवन का सौन्दर्य सनातन, मेरे सिवा बताओ कौन?
सहनशीलता ही रखती है, मुझको समय-समय पर मौन
दुर्बल या कमजोर नहीं हूँ,
अग्निसुता चिनगारी हूँ
नारी हूँ, सन्नारी हूँ। भारत माता की बेटी हूँ
ईश्वर की आभारी हूँ। नारी हूँ, सन्नारी हूँ।
(2)
पुरुषों के अनलिखे छन्द भी, हँस-हँस, कर पढ़ लेती हूँ
केवल व्रत-उपवास नहीं हूँ, यम से भी लड़ लेती हूँ
जननी भी हूँ, भगिनी भी हूँ,
बहू बहुत ही प्यारी हूँ
नारी हूँ, सन्नारी हूँ। भारत माता की बेटी हूँ
ईश्वर की आभारी हूँ। नारी हूँ सन्नारी हूँ।
(3)
आँगन-आँगन की तुलसी हूँ, घर-घर की फुलवारी हूँ
पूजा की थाली हूँ, लेकिन पूजा की अधिकारी हूँ
शक्ति-शील का प्रेम पत्र हूँ,
जीने की तैयारी हूँ
नारी हूँ-सन्नारी हूँ। भारत माता की बेटी हूँ
ईश्वर की आभारी हूँ। नारी हूँ सन्नारी हूँ।
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‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की अट्ठाईसवी कविता ‘हम हैं सिपहिया भारत के’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की उनतीसवी कविता ‘आह्वान’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की तीसवी कविता ‘दो-दो बातें’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की इकतीसवी कविता ‘गोरा-बादल’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की बत्तीसवी कविता ‘मेरे देश के लाल हठीले’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की तैंतीसवी कविता ‘हम बच्चों का है कश्मीर’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की चौंतीसवी कविता ‘नई चुनौती जिन्दाबाद’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की पैंतीसवी कविता ‘नये पसीने की नदियों को’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की छत्तीसवी कविता ‘अन्तर का विश्वास’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की सैंतीसवी कविता ‘मधुवन के माली से’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की अड़तीसवी कविता ‘देख ज़माने आँख खोल कर’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की उनचालीसवी कविता ‘छोटी सी चिनगारी ही तो’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की चालीसवी कविता ‘ऐसा मेरा मन कहता है’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की इकतालीसवी कविता ‘काफिला बना रहे’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की बयालीसवी कविता ‘माँ ने तुम्हें बुलाया है’ यहाँ पढ़िए
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‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की छियालीसवी कविता ‘एक गीत ज्वाला का’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की सैंतालीसवी कविता ‘जो ये आग पियेगा’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की अड़तालीसवी कविता ‘फिर चुपचाप अँधेरा’ यहाँ पढ़िए
‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की उनपचासवी कविता ‘तरुणाई के तीरथ’ यहाँ पढ़िए
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‘मैं उपस्थित हूँ यहाँ’ की छप्पनवी कविता ‘इस वक्त’ यहाँ पढ़िए
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संग्रह के ब्यौरे -
मैं उपस्थित हूँ यहाँ: छन्द-स्वच्छन्द-मुक्तछन्द-लय-अलय-गीत-अगीत
कवि - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - डायमण्ड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.
एक्स-30, ओखला इण्डस्ट्रियल एरिया, फेज-2, नई दिल्ली-110020
वर्ष - 2005
मूल्य - रुपये 95/-
सर्वाधिकार - लेखकाधीन
टाइप सेटिंग - आर. एस. प्रिण्ट्स, नई दिल्ली
मुद्रक - आदर्श प्रिण्टर्स, शाहदरा
रतलाम के सुपरिचित रंगकर्मी श्री कैलाश व्यास ने अत्यन्त कृपापूर्वक यह संग्रह उपलब्ध कराया। वे, मध्य प्रदेश सरकार के, उप संचालक अभियोजन (गृह विभाग) जैसे प्रतिष्ठापूर्ण पद से सेवा निवृत्त हुए हैं। रतलाम में रहते हैं और मोबाइल नम्बर 94251 87102 पर उपलब्ध हैं।
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