सीधी सी बात



श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह
‘कोई तो समझे’ 
की सातवी कविता 

यह कविता संग्रह
(स्व.) श्री संजय गाँधी को 
समर्पित किया गया है।


सीधी-सी बात

टोपियों के रंग बदलने से
नहीं बदलता कुर्सी का ईमान,
कुर्सी और कन्या कभी
कुँआरी नहीं रहतीं।

तुम मत करो उनका ब्याह
वे खुद रचा लेती हैं अपनी मेंहदी
इतनी साधारण-सी बातें भी
नहीं समझती हैं जब पीढ़ियाँ
तब फिर लगते हैं नारे
उठते हैं हल्ले, बन्द, और प्रदर्शन
होती हैं हड़तालें, चलती हैं गोलियाँ।
जुडती हैं शोक-सभाएँ
और फिर खीझ-आक्रोश
और अन्ततः निराशा।

दमन, निरंकुशता और दम्भ
ये सब बाद के संवेग हैं
तुम कोसते रहो व्यवस्था को
व्यवस्था करती रहे प्रमाद
मैं लिखता रहूँ जली-भुजी कविताएँ
होती रहें प्रजातन्त्र की सफलता-विफलता पर
गोष्ठियाँ और परिसम्वाद।

भीड़ का काम है उबलना,
वह उबलती रहेगी,
व्यवस्था का काम है चलना,
वह चलती रहेगी,
और आग का काम है जलना,
वह जलती रहेगी।

एक आग के खिलाफ बीस बादल का
नाम ही प्रजातन्त्र है,
क्योंकि आग और बादल
अपने-अपने इलाकों में स्वतन्त्र हैं।
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संग्रह के ब्यौरे

कोई तो समझे - कविताएँ
कवि - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन, भोपाल
एकमात्र वितरक - साँची प्रकाशन, भोपाल-आगरा
प्रथम संस्करण , नवम्बर 1980
मूल्य - पच्चीस रुपये मात्र
मुद्रक - चन्द्रा प्रिण्टर्स, भोपाल


 




















17 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(१८-०९-२०२१) को
    'ईश्वर के प्रांगण में '(चर्चा अंक-४१९१)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    1. जी। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

      आपकी दी हुई लिंक पर अवश्‍य जाऊँगा।

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  2. प्रभावी प्रस्तुति ।

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    1. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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  3. बहुत सुंदर संकलन।

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    1. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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    1. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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  5. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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    1. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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  7. वाह!बहुत ही शानदार प्रस्तुति

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    1. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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  8. बैरागी जी की सुंदर रचना ।
    पढ़वाने के लिए आभार।

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    1. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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  9. दमन, निरंकुशता और दम्भ
    ये सब बाद के संवेग हैं
    तुम कोसते रहो व्यवस्था को
    व्यवस्था करती रहे प्रमाद
    वाह!!!

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    1. टिप्‍पणी के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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