बाल-गीत: आजादी की पहरेदारी



श्री बालकवि बैरागी के बाल-गीत संग्रह
‘गाओ बच्चों’ का दूसरा बाल गीत 





आजादी की पहरेदारी

आजादी की पहरेदारी हम बच्चों की जिम्मेदारी
है.....
महाकाल से टकरा जाएँ
ये तैयारी
है.....हमारी ये तैयारी है।
आजादी की पहरेदारी।

-1-

ओ! आरूद बिछानेवालों
ओ! रे आग लगानेवालों
कफन बेचनेवालों सुन लो
सुन लो रे गुर्रानेवालों
उधर तुम्हारी
इधर हमारी ये लाचारी 
है.....
महाकाल से टकरा जाएँ
ये तैयारी 
है.....हमारी ये तैयारी है।
आजादी की पहरेदारी।

-2-

चिन्ता मत कर भारत माता
हम हैं तेरे भाग्य विधाता
देखेंगे अब तेरा दुश्मन
जिन्दा कैसे बच कर जाता
पूछ रहे हैं
एक-एक से किसकी बारी
है.....
महाकाल से टकरा जाएँ
ये तैयारी
है.....हमारी ये तैयारी है।
आजादी की पहरेदारी।

-3-

भाई-चारा पालेंगे हम
युद्ध हमेशा टालेंगे हम
लेकिन कोई येन समझे
सबकी ठोकर खा लेंगे हम
अंगारों की 
इज्जत रक्खे वो चिंगारी
हैं.....
महाकाल से टकरा जाएँ
ये तैयारी 
है.....हमारी ये तैयारी है।
आजादी की पहरेदारी।
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संग्रह के ब्यौरे 

गाओ बच्चों: बाल-गीत
कवि - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - राष्ट्रीय प्रकाशन मन्दिर 
पटना, भोपाल, लखनऊ-226018
चित्रकार: कांजीलाल एवं गोपेश्वर, वाराणसी
कवर: चड्ढा चित्रकार, दिल्ली
संस्करण: प्रथम  26 जनवरी 1984
मूल्य: रू पाँच रुपये पच्चास पैसे
मुद्रक: देश सेवा प्रेस
10, सम्मेलन मार्ग, इलाहाबाद



बाल-गीतों का यह संग्रह
दादा श्री बालकवि बैरागी के छोटे बहू-बेटे
नीरजा बैरागी और गोर्की बैरागी
ने उपलब्ध कराया।
























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