श्री बालकवि बैरागी के बाल-गीत संग्रह
‘गाओ बच्चों’ का छठवाँ बाल गीत
‘गाओ बच्चों’ का छठवाँ बाल गीत
15 अगस्त
आजादी का महादिवस है
आओ मेरे भाई।
आओ मेरे राम रहीमा!
खायें आज मिठाई।।
आओ मेरे भाई।
आओ मेरे राम रहीमा!
खायें आज मिठाई।।
-1-
अपनी माता के बन्धन, इस दिन ही टूटे थे
फुलझड़ियों के संग पटाखे, इस दिन ही छूटे थे
लाल किल पर अमर तिरंगा, इस दिन ही फहराया था
सागर, नद, नालों का पानी, मस्ती से लहराया था
खुशहाली से इस दिन की थी पहली बार सगाई
आओ मेरे राम रहीमा! खायें आज मिठाई।।
-2-
कितना आगे देश बढ़ा है, आओ आज विचारें
दोष नहीं दें हम दूजों को, अपनी ओर निहारें
हमने खुद ने कितनी की है, अपनी माँ की सेवा
कितना खाया है हम सबने, बिन सेवा का मेवा
सब सच बोलें खुद को तौलें छोड़ें आज ठिठाई
आओ मेरे राम रहीमा! खायें आज मिठाई।।
-3-
अनुशासन कितना है हम में, कितने आज्ञाकारी
पाठ विनय का कितना सीखा, कितने हैं उपकारी
कितनी मदद करी मित्रों की, कितना पुण्य कमाया
अपने पावन विद्यालय का, कितना नाम बढ़ाया
गहरे मन से वह सब सोचो तब तो सफल पढ़ाई
आओ मेरे राम रहीमा! खायें आज मिठाई।।
-4-
अभी गरीबी से लड़ना है, देनी है कुरबानी
माँग रहा है लोहू हमसे, माँ गंगा का पानी
अभी हिमालय घायल अपना, दुश्मन है दरवाजे
नहीं सुनाई पड़ते तुमको, क्या वो मारू बाजे?
चलो चलें हिलमिल दुश्मन की, जी भर करें पिटाई
आओ मेरे राम रहीमा! खायें आज मिठाई।।
-5-
मेरे साथ तिरंगा पकड़ो, ऊँचा और उठाओ
आसमान की ऊँचाई तक, यह नेजा फहराओ
चाहे अपना सिर कट जाए, यह झुकने न पाए
काम करें हम ऐसा जिससे, नाम अमर हो जाए
भारत माँ का कर्ज चुका दो, गिन दो पाई-पाई
आओ मेरे राम रहीमा! खायें आज मिठाई।।
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संग्रह के ब्यौरे
गाओ बच्चों: बाल-गीत
कवि - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - राष्ट्रीय प्रकाशन मन्दिर
पटना, भोपाल, लखनऊ-226018
चित्रकार: कांजीलाल एवं गोपेश्वर, वाराणसी
कवर: चड्ढा चित्रकार, दिल्ली
संस्करण: प्रथम 26 जनवरी 1984
मूल्य: पाँच रुपये पच्चास पैसे
मुद्रक: देश सेवा प्रेस
10, सम्मेलन मार्ग, इलाहाबाद
बाल-गीतों का यह संग्रह
दादा श्री बालकवि बैरागी के छोटे बहू-बेटे
नीरजा बैरागी और गोर्की बैरागी
ने उपलब्ध कराया।
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