ज्ञापन: एक अतिरिक्त योद्धा को



श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह
‘कोई तो समझे’ 
की आठवी कविता 

यह कविता संग्रह
(स्व.) श्री संजय गाँधी को 
समर्पित किया गया है।


ज्ञापन: अतिरिक्त योद्धा को

हे शतशीश!
हे सहसस्रबाहु!
हे कोटिपाद!
हे अनन्तप्राण!
अब तो खोल दो यह कवच
अब तो उतार दो यह शिरस्त्राण
यह धनुष, यह बाण
यह बल्लम, यह बरछी
यह बघनखा, यह खाँडा, यह कटारी
याने कि यह युद्ध-भूषा तुम्हारी
तुम्हें योद्धा नहीं
विदूषक सिद्ध कर रही है।

युगों हो गए सूरमे को संग्राम जीते
तुम किस जोम में अभी तक मिट्टी खूँद रहे हो?
घड़ी-घड़ी किस पर डकार रहे हो?
खेतों में काम करते हलवाहे
पनघट की पनिहारिनें
दफ्तरों के बाबू
मदरसों के बच्चे
हाँ-हाँ, तुम्हारे अपने ही परिजन
तुम्हें पागल और सन्निपाती कह रहे हैं ।
धन्वन्तरि चिन्तातुर हैं
अभिमन्त्रित अस्त्रदायिनी इष्ट देवी
पछता रही है
उसके ज्वालामुखी नेत्र, जलाशय हो गये हैं।
सन्निपात में ही सही
इधर दृष्टिपात तो करो
शान्तिकाल में उससे बात तो करो!

यह कौन-सा रणाक्रोश है
जिसमें यूँ काँप रहे हो?
कूद-कूद कर यह कौन-सा
आकाश नाप रहे हो?
आदिशक्ति की उज्ज्वल कोख से
शान्ति का अनादि ज्वार जन्म ले चुका है
जन्मपत्री बन गई है
सर्ू्यपूजा हो रही है
सुनो!
ललना गाती सुहागिनें क्या गा रही हैं?
तुम अर्थ नहीं तात्पर्य ही समझ लो
जोद्धा वो नहीं जो जुद्ध लड़े
जोद्धा वो नहीं जो जुद्ध जीते
जोद्धा वो जो जुद्ध को मरे
जुद्ध को जिए
बैरी के खून से पहिले
अपने मन का खून पिये
सूराँ की शोभा है घाव-भरा मन
वीराँ की शोभा है घाव-भरा तन।

खोल दो यह कवच
उतार दो यह कनटोप
सब कुछ तटस्थ हो गया है।
तुम्हारे सात फेरों की सुहागन
और आठ पहरों की मनभावन
शक कर रही है कि
शायद तुम्हारे शरीर पर कोई
घाव ही नहीं लगा है
तुम कोई जुद्ध लड़े ही नहीं हो 
इसीलिये तुम्हारा यह बदहवास रतजगा है।

वाकई लगे हों तो
वे घाव बताओ
कवच और कनटोप में
अपनी कायरता मत छिपाओ।

यशलिप्सा पर तुम्हारा क्या
किसी का वश नहीं है
पर आदिशक्ति का पुण्य
तुम्हारा यश नहीं है।

नई नवरात्रि आ गई है
कुण्ठा छोड़ो
कुल्ला करो
चलो हाथ-मुँह धो लो
गरबों की गरिमा में
स्नान करो
और कुल-देवी की जय अब
मुँह से नही, मन से बोलो।
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कोई तो समझे - कविताएँ
कवि - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन, भोपाल
एकमात्र वितरक - साँची प्रकाशन, भोपाल-आगरा
प्रथम संस्करण , नवम्बर 1980
मूल्य - पच्चीस रुपये मात्र
मुद्रक - चन्द्रा प्रिण्टर्स, भोपाल


 




















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