‘चटक म्हारा चम्पा’ की चौदहवीं कविता
यह संग्रह श्री नरेन्द्र सिंह तोमर को समर्पित किया गया है।
संग्रह के ब्यौरे
चटक म्हारा चम्पा (मालवी कविता संग्रह)
कवि - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - निकुंज प्रकाशन, 4 हाउसिंग शॉप, शास्त्री नगर, उज्जैन
मूल्य - 20 रुपये
चित्रांकन - डॉ. विष्णु भटनागर
प्रकाशन वर्ष - 1983
कॉपी राइट - बालकवि बैरागी
मुद्रक - विद्या ट्रेडर्स, उज्जैन
खादी की चुनरी
नणद म्हारे खादी की चुनरी मँगाओ सा
नणद म्हारे खादी की चुनरी मँगाओं
दाऊजी से कहो, आपका माऊजी से कहो
आपका वीराजी ने भी समझाओ
नणद म्हारे खादी को चुनरी मँगाओ
हाथाँ को तानो ने हाथाँ को बानो
अधरंग रंग रंगवाओ
तिरंगी किनारी ने चुनरी रुपारी
बीच में चरखा छपाओ
नणद म्हारे खादी की चुनरी मँगाओ
खादी को लंहगा-पाट मँगाओ
म्हारे कोटा में सिलवाओ
जयपुर मोकलो आपका वीराजी ने
खादी की अगिया मँगाओ
नणद म्हारे खादी की चुनरी मँगाओ
बिड़ला भवन की धूल मगाओ
म्हारे सुहाग की बिंदिया लगाओ
लाल किला की लाली की नणदल
हाथे-पगे मेंहदी रचाओ
नणद म्हारे खादी की चुनरी मँगाओ
गाँधी का देस की अमर सुहागण
अबे म्हाने केई ने बतरावो
'बालकवि' म्हारा पियाजी ती की जो
सुहागण ने हिवड़े लगावो
नणद म्हारे खादी की चुनरी मँगाओ
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‘वंशज का वक्तव्य’ की कविताएँ यहाँ पढ़िए। इस पन्ने से अगली कविताओं की लिंक, एक के बाद एक मिलती जाएँगी।
‘भावी रक्षक देश के’ के बाल-गीत यहाँ पढ़िए। इस पन्ने से अगले गीतों की लिंक, एक के बाद एक मिलती जाएँगी।
चटक म्हारा चम्पा (मालवी कविता संग्रह)
कवि - बालकवि बैरागी
प्रकाशक - निकुंज प्रकाशन, 4 हाउसिंग शॉप, शास्त्री नगर, उज्जैन
मूल्य - 20 रुपये
चित्रांकन - डॉ. विष्णु भटनागर
प्रकाशन वर्ष - 1983
कॉपी राइट - बालकवि बैरागी
मुद्रक - विद्या ट्रेडर्स, उज्जैन
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